सोनभद्र – सोन प्रभात / विनोद गुप्त
सोनभद्र। हथिया नक्षत्र में मेघ दिल खोल कर बरसे तो चारो ओर पानी ही पानी नजर आने लगा।बारिश ऐसी हुई की धरती मां को अंदर तक ठंडक पहुँच गयी। अत्यधिक बारिश के अंदेशा से जिला प्रशासन को बच्चों के स्कूल की छुट्टी करनी पड़ी। जबरस्त बरसात से किसानों के चेहरे पर कहीं खुशी देखी गयी तो थोड़ा गम भी हैं। उडद, तिल की फसल कुछ बर्बाद हुई है तो धान की फसल को संजीवनी मिल गयी।नदियों में उफान शुरू हो गया तो कुओं,हैंड पम्पों और जलाशयों का जलस्तर ऊपर आ गया है।
रविवार से शुरू हुई बारिश से पशु पक्षी भी राहत महसूस कर रहे हैं, तो मुरझाए जंगल पहाड़ में हरियाली लौट आयी है। एक एक बूंद पानी के लिए जंगली जानवर जहाँ गाँवो की ओर रुख कर चुके थे वहीं पशु पक्षी भी पानी की कमी से बेहाल थे। दो चार दिन और बरसात हुई तो कच्चे मकानों को नुकसान पहुँचने लगेगा। जब कि बारिश के अभाव में रिहन्द जलाशय और कनहर बांध का विशाल पेट खाली पड़ा था। बताया जाता है कि छत्तीसगढ़ में भारी बारिश के कारण रिहन्द जलाशय और कनहर बांध में पानी ही पानी नजर आ रहा है।