सोनभद्र / सोन प्रभात – राजेश पाठक
- एक लाख रूपये अर्थदंड, न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
- जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित होगी
- अर्थदंड की समूची धनराशि एक लाख रूपये मृतका के पिता को मिलेगी
- चौदह वर्ष पूर्व हुए रेखा हत्याकांड का मामला
सोनभद्र। चौदह वर्ष पूर्व हुए रेखा हत्याकांड के मामले में सोमवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम एहसानुल्लाह खां की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषी पति विकास कुमार पांडेय को सात वर्ष की कैद व एक लाख रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं अर्थदंड की समूची धनराशि एक लाख रूपये मृतका के पिता को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक अशोक कुमार चौबे पुत्र हरिहर चौबे निवासी ग्राम अमोखर, थाना राबर्ट्सगंज , जिला सोनभद्र ने न्यायालय में धारा 156(3) सीआरपीसी के तहत दिए प्रार्थना पत्र में अवगत कराया था कि उसने अपनी बेटी रेखा देवी की शादी 29 अप्रैल 2005 को हिंदू रीति रिवाज से विकास कुमार पांडेय पुत्र नागेंद्र प्रसाद पांडेय निवासी नौडिहा, थाना घोरावल, जिला सोनभद्र के साथ किया था। शादी में अपनी सामर्थ्य अनुसार उपहार दिया था। एक वर्ष बाद लड़की का गौना हुआ तो वह अपनी ससुराल गई। करीब 6 माह बाद ससुराल से विदा होकर मायके आई तो बताई कि उसके ससुराल वाले दहेज के लोभी हैं। काम दहेज मिलने की वजह से सभी लोग नाखुश हैं।जिसकी वजह से उसके साथ सभी लोग बुरा व्यवहार शुरू से ही कर रहे हैं। ताना मरते हुए उसे मारपीट कर चोट पहुंचाई गई है। बार बार पिताजी को यह कहकर गाली दिया जाता रहा कि उन्हें ठग दिया गया है। ससुराल वालों ने यह भी कहा कि दहेज में 50 हजार रूपये नकद और एक बाइक जब लेकर आओगी तभी यहां रह पाओगी, अन्यथा सूरत दिखाने बगैर दहेज के मत आना। बेटी की बात सुनकर ससुराल वालों से बातचीत कर काफी अनुनय विनय किया, किंतु वे लोग नहीं माने। बेटी को अक्सर प्रताड़ित करते रहे और एक बेटी और एक बेटा भी पैदा हो गए।जब दहेज की मांग पूरी नहीं हुई तो पति, सास और ससुर ने बेटी रेखा देवी को जहर खिलाकर मार डाला। मरने के बाद बगैर सूचना दिए ही लाश को जला दिया गया।शव का पोस्टमार्टम जिला अस्पताल में दूसरे दिन कराया गया। घटना की लिखित सूचना घोरावल थाने में 6 अक्तूबर 2009 को दिया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई बल्कि पुलिस वालों ने सादे कागज पर हस्ताक्षर बनवा लिया और कोई कार्रवाई नहीं किया। उसी दिन रात करीब 11 बजे पति विकास कुमार पांडेय अन्य लोगों के साथ घर पहुंचे और यह धमकी दिया कि जो थाने पर प्रार्थना पत्र दिए हो उसे वापस ले लो नहीं तो बेटी जैसा ही हश्र होगा। सदमे की वजह से पति पत्नी की मानसिक स्थिति खराब हो गई,जिसका दवा इलाज बीएचयू वाराणसी में चलने लगा। राहत मिलने पर यह एप्लीकेशन दाखिल किया गया। कोर्ट के आदेश पर घोरावल पुलिस ने विकास कुमार पांडेय पुत्र नागेंद्र प्रसाद पांडेय निवासी नौड़िहा, थाना घोरावल, जिला सोनभद्र के विरुद्ध एफआईआर दर्ज किया था। मामले की विवेचना करते हुए विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी पति विकास कुमार पांडेय को सात वर्ष की कैद व एक लाख रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं अर्थदंड की समूची धनराशि एक लाख रूपये मृतका के पिता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता विनोद कुमार पाठक ने बहस की।
Ashish Gupta is an Indian independent journalist. He has been continuously bringing issues of public interest to light with his writing skills and video news reporting. Hailing from Sonbhadra district, he is a famous name in journalism of Sonbhadra district.