● सीजीएम ओबरा से ठेका मजदूर यूनियन का मिला प्रतिनिधिमंडल।
● वैकल्पिक आवास के बिना बेदखली पर रोक लगाने की मांग।
सोनभद्र / सोन प्रभात
ओबरा, सोनभद्र। तापीय परियोजना में वर्षों से कार्य कर रहे ठेका मजदूरों को मिले आवासों से बेदखल करने, उनके आवास की लाईट व पानी काटने की कार्रवाई के खिलाफ आज ठेका मजदूर यूनियन का प्रतिनिधिमंडल मुख्य महाप्रबंधक ओबरा तापीय परियोजना इंजीनियर राधेमोहन से मिला और उनसे बिना वैकल्पिक व्यवस्था के बेदखली की कार्रवाई पर त्तकाल रोक लगाने की मांग की।

सीजीएम को दिए पत्रक में यूनियन ने अवगत कराया कि 1997 में मजदूर यूनियन और प्रबंधन के बीच में यह समझौता हुआ था कि परियोजना में कार्यरत में ठेका मजदूरों को आवास का आवंटन किया जाएगा। ऐसा ही प्रावधान ठेका मजदूर कानून 1972 में भी है। इस समझौतें और कानून के मुताबिक मजदूरों को आवास का आवंटन किया गया और वह अपने परिवारों के साथ वर्षों से इन आवासों में रह रहे हैं। बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था का इंतजाम किए हुए बेहद कम मजदूरी पर काम करने वाले ठेका मजदूरों को उनके आवास से बेदखल करने की कार्रवाई विधि के विरुद्ध है। विधिक स्थिति यह है कि प्रबंधन और मजदूर संगठन के बीच हुए समझौतें से यदि कोई सुविधा प्रदान की जाती है तो उसे समाप्त नहीं किया जायेगा और प्रबंधन व संविदाकार को ठेका मजदूरों को रहने के लिए आवास का आवंटन करना चाहिए। अत: परियोजना के प्रशासन को बेदखली की इस अवैधानिक कार्रवाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगानी चाहिए। प्रतिनिधिमंडल से सीजेएम ने कहा कि बेदखली की कार्रवाई उच्चाधिकारियों के आदेश पर हो रही है फिर भी मांग पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाएगा और उच्च अधिकारियों को भी इस संबंध में अवगत कराया जाएगा।
यूनियन के नेताओं ने बताया कि ठेका मजदूरों की न्यूनतम वेतन का वेज रिवीजन पांच वर्षों से ना होने के कारण बेहद कम मजदूरी में उन्हें काम करना पड़ता है और यदि ओबरा में उन्हें किराए का मकान लेकर रहना पड़ा तो वह अपने परिवार का वह भरण पोषण भी नहीं कर पाएंगे। इतना ही नहीं परियोजना में तो न्यूनतम मजदूरी का भी भुगतान नहीं किया जाता और कई महीनों से मजदूरी भी बकाया रखी जाती है। हालत इतनी बुरी है कि मजदूरों को सुरक्षा उपकरण भी नहीं दिए जा रहे हैं। अब घर से भी उन्हें बेदखल कर सड़क पर ला देने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में मजदूरों के परिवार को भुखमरी से बचाने और उनके गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित करना प्रशासन व प्रबंधन का संवैधानिक दायित्व है, जिसे पूरा किया जाना चाहिए।
प्रतिनिधि मंडल में यूनियन के जिला उपाध्यक्ष तीर्थराज यादव, संयुक्त मंत्री मोहन प्रसाद, पंकज कुमार, अरविंद माली, फुलेंद्र झा, मोहनलाल, परशुराम, नरेश आदि लोग शामिल रहे। पत्रक की प्रतिलिपि पीएम, सीएम, ऊर्जा मंत्री, एमडी उत्पादन निगम, डीएम, एसपी व डीएलसी को भी आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजी गई है।

Son Prabhat Live News is the leading Hindi news website dedicated to delivering reliable, timely, and comprehensive news coverage from Sonbhadra Uttar Pradesh + 4 States CG News, MP News, Bihar News and Jharkhand News. Established with a commitment to truthful journalism, we aim to keep our readers informed about regional, national, and global events.

