- नदियों के दोहन से किनारे के गांव पानी की संकट में*
सोनभद्र / सोन प्रभात – अनिल कुमार अग्रहरि
सोनभद्र । जनपद में पेय जल संकट को गहराते देख जिम्मेदारों के नीद उड़ने लगी वही ग्रोबों का सकंट ग्राम पंचायत के तिजोरी भटने का साधन भी बन जाता है। यह सिलसला लगातार आदिवासियों के अधिकारों का हनन करता है।
जनपद में पेज जल संकट को देखते हुए पिछले सत्र की अपेक्षा सुविधाएं बढ़ाने की बात की गई। लेकिन यह व्यवस्था लचार के साथ खाना पूर्ति में लग गयी। देखा जाय तो एक गांव में जितनी आवादी है उससे कही ज्यादा धन पानी के नाम हमेशा बिल बनाना ग्राम पंचायत व नगर पंचायत का विकल्प रहा है। पिछले 5 वर्षों में विकास खंड पनारी में लगभग 3 करोड़ से ज्यादा खर्च पानी पर हुआ परन्तु ग्रामीणों को क्या मिला सोचनीय है। इसी तरह लगभग सभी ग्राम पंचायतों में लूट के नाम पर पानी का पैसा ही सामने दिखाई देता है। और बहुत आसान हो जाता है गरीबो के पेट पर लात मार कर अपना जेब भरना। घोरावल व म्योरपुर ब्लाक में सबसे अधिक ग्राम पंचायत पेयजल संकट से ग्रसित है। जिला प्रशासन लगातार ऐसे स्थानों पर टैंकर से पानी की आपूर्ति कर रहा है। बावजूद पानी को लेकर समस्याएं बढ़ती जा रही है। बभनी, चतरा, नगवां में अब तक एक भी ग्राम पंचायत पेयजल संकट ग्रस्त नहीं है।पंचायत पेयजल संकट से ग्ररिति है। जिला प्रशासन लगातार ऐसे स्थानों पर टैंकर से पानी की आपूर्ति कर रहा है। बावजूद पानी को लेकर समस्याएं बढ़ती जा रही है। दुद्धी में इस समय जहां पूरा क्षेत्र भीषण गर्मी की मार झेल रहा है। वहीं दूसरी ओर तेज तपन के कारण क्षेत्र के सारे ताल-तलैया, कुंआ सूखने के स्थिति में हो चुके है। इंसान तो इंसान पशु-पक्षियों की जान पर भी बन आई है। अब तक पानी के लिए सरकार द्वारा किये गए प्रयास नाकाफी साबित हो रहे है। तेजी से बढ़ते हुए तापमान और सूखे की स्थिति ने लोगों की बेचैनी बढ़ा दी है। गर्मी की शुरुआत में ही क्षेत्र के ताल-तलैया और कुंआ सुख चुके हैं।
Ashish Gupta is an Indian independent journalist. He has been continuously bringing issues of public interest to light with his writing skills and video news reporting. Hailing from Sonbhadra district, he is a famous name in journalism of Sonbhadra district.