“यह बजट किसान और युवा विरोधी।” -ज्ञानेद्र सिंह ज्ञानू
सिंगरौली / सुरेश गुप्त ग्वालियरी/ सोन प्रभात
युवा , बेरोजगार, एनडीए की सरकार मे नौकरी की इच्छा ना करें तो ही अच्छा है। यह हम नही कह रहे है पिछले एक दशक का रिकार्ड उठाकर आप देख लिजिए, जिस तरीके से विगत दस वर्षों से इस देश में बेतहाशा बेरोजगारी बढ़ी है वह किसी से छुपा नहीं है आज एक फिर 4 करोड़ नौकरी का सगूफा फिर युवाओं को दिया गया है। ठीक उसी प्रकार से जिस प्रकार से दो करोड़ बेरोजगारों को पूर्व में भी दिया गया था। आज जिस तरीके से देश में महंगाई का तांडव कर रही है उस पर सरकार को ध्यान नही है, ध्यान है तो सिर्फ़ पूंजीपतियों को कैसे लाभ पहुंचा जा सकता है।इस बजट में न तो किसानों की पूरी फसल खरीदने के लिए एम एस पी प्रावधान है और न ही किसानों को सस्ती दर पर बिजली और सस्ते खाद बीज देने की बात है| सरकार को किसानों के कृषि उपकरणों पर जीएसटी घटाना चाहिए था लेकिन वित्त मंत्री ने उम्मीद पर पानी फेर दिया।
किसानों के आय दुगनी की बात करने वाले किसान के सम्मान निधि को ही दुगनी कर देते । कांग्रेस के राज में पहले देश में नारा लगाया जाता था जय जवान जय किसान लेकिन आज नारा लयाया जाता है जय अडानी जय अंबानी!! इस बजट ने कर दाताओं को भी झुनझुना पकड़ा दिया है, बुजुर्गों को रेल यात्रा में छूट को नकार दिया गया है!!
कुल मिलाकर यह बजट महिला विरोधी, जन विरोधी युवा एवं बेरोजगार तथा कर दाताओं का गला घोटने वाला है!!
उक्त प्रतिक्रिया प्रदेश कांग्रेस समिति मध्यप्रदेश के सचिव ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानु ने दी है!!