सोनभद्र / जितेंद्र चंद्रवंशी/ सोन प्रभात
सोनभद्र – वन रेंज कोन के अंतर्गत अन्य क्षेत्रों जैसे कि रगरम , मिश्री , डोमा टोला बरियाती सहित बागेसोती,भालूकुदर सेक्सन में वन माफियाओं की सक्रियता इस कदर बढ़ गयी है कि क्षेत्र में आय दिन कीमती पेड़ काटकर वन भूमि पर कब्जा किया जा रहा।
विभाग कार्यवाही के नाम पर मूकदर्शक बना हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि बागेसोती के अंतर्राज्जीय बॉर्डर पर स्थित बड़ाप के ललुआ खोह व भालुकूदर सेक्सन के धरनवा बॉर्डर पर अबैध रूप से वन भूमि पर कब्जा किया जा रहा है जिसके आजीज होकर स्थानीय लोगों द्वारा मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल पर पूर्व में शिकायत दर्ज कराया गया था जिसके क्रम में तत्कालीन क्षेत्रीय वनाधिकारी व वर्तमान क्षेत्रीय वनाधिकारी कोन द्वारा जांच कर अधीनस्थ कर्मचारियों को निर्देशित किया गया था कि किसी भी स्थिति में वन भूमि पर अतिक्रमण न हो पाये व साथ ही दो दिनों के अंदर कब्जा हटाने का आश्ववसन देकर कागजी कोरम पूरा कर लिया गया था किन्तु निर्देश ढाक के तीन पात निकला। जिसका नतीजा है कि ग्राम बागेसोती के खोहिईया जंगल, झारखंड बार्डर, बड़ाप के साथ भालुकूदर् बीट में जहाँ लोग वर्षों से जमे वनकर्मी की मिलीभगत से सैकड़ों एकड़ वन भूमि पर कब्जा कर मकान तक बना लिए गए हैं।जिसके क्रम में दूसरी बार आज सुबह तड़के ग्रामीण राजेंद्र सिंह की अगुवाई में बड़ाप के ललुवाखोह बंधी के पास दर्जनों लोगों ने वन विभाग खिलाफ स्लोगन वन विभाग की मनमानी नहीं चलेगी के साथ जोरदार प्रदर्शन कर आक्रोश ब्यक्त किया। ग्रामीणों ने उच्चस्तरीय जाँच की मांग करते हुए तत्काल वन भूमि कब्जा मुक्त कराने व लिप्त वन कर्मियों के ऊपर कार्यवाही किये जाने की मांग की है । प्रदर्शन करने वालों में मुख्य रूप से बिहारी प्रसाद, राजेंद्र, संजय अरुण, वशिष्ठ बंशीधर सहित दर्जनों ग्रामीण थे।वहीं दूसरी तरफ
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विभाग का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी क्षेत्र में न तो रहते हैं और न ही गस्त करते हैं बल्कि अन्यत्र निवास करते हैं वन चौकी विरान पड़ा है जिसका परिणाम है कि वृक्षों का कटान करके वन भूमि पर कब्जा करने वालों का हौसले बुलंद हैं जिससे विभाग की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता है।वहीं प्रदूषण को रोकने के लिए मुख्यमंत्री के द्वारा एक पौधा माँ के नाम का प्रदेश भर में अभियान चलाया जा रहा है लेकिन विभाग के निष्कृयता के कारण क्षेत्र में पेड़ों की कटाई कराकर वन भूमि पर अतिक्रमण करने का कार्य कराया जा रहा है जो कि पर्यायवरण के दृष्टिकोण से बेहद खतरनाक है। ताकि पेड़ों की कटान व वन भूमि पर अतिक्रमण करने वालों का साथ दे रहे वन कर्मियों पर नकेल कसकर वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जा सके।
Ashish Gupta is an Indian independent journalist. He has been continuously bringing issues of public interest to light with his writing skills and video news reporting. Hailing from Sonbhadra district, he is a famous name in journalism of Sonbhadra district.