October 22, 2024 11:04 PM

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गौतम बुद्ध नगर कॉलोनी, वैढन में कल भव्य कवि सम्मेलन संपन्न.

Suresh Gupt Gwaliyari @ Vindhyanagar/Sonprabhat Live

अंधियारी माई नव दुर्गा उत्सव समिति, गनियारी के आयोजकत्व में गौतम बुद्ध नगर कॉलोनी, वैढन के अंधियारी माई नव दुर्गा पांडाल में कल 10 अक्टूबर को रात 8 बजे से भव्य कवि सम्मेलन सीडा अध्यक्ष माननीय दिलीप शाह जी के मुख्य आतिथ्य, डॉक्टर आर डी पांडेय जी के विशिष्ट आतिथ्य एवम वरिष्ठ कवि श्री सुरेश गुप्त ग्वालियरी जी की अध्यक्षता में अंधियारी माई, माता दुर्गा जी एवम मां सरस्वती की पूजा अर्चना के साथ शुरू हुआ। गीतकार राम खेलावन मिश्रा ने सुमधुर स्वर में वाणी वंदना प्रस्तुत की। डॉक्टर राम नरेश त्रिपाठी ने मंच पर उपस्थित कवियों का मस्तक पर टीका लगाकर माल्यार्पण एवम अंगवस्त्र से तथा अपने मुखारबिंद से स्वागत किया।

उसके बाद कवि सम्मेलन का दौर प्रारंभ हुआ। कवयित्री सुश्री विभा तिवारी ने करूं प्रणाम तुमको मां, मुझे वरदान दे देना। ये कैसा हुआ अचंभा है एवम शहीदों को नमन करती हूं, उनके गीत गाती हूं आदि रचनाओं के माध्यम से मां के प्रति श्रद्धा एवम समर्पण के भाव तथा शहीदों की स्मृति में गीत का शानदार एवम सराहनीय प्रस्तुतिकरण किया। के पी सोनी ने सुमधुर कंठ से एक से बढ़कर एक कतिपय अद्वितीय कविताएं परोसकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। श्री नारायण दास विकल ने अपने चिर परिचित अंदाज में कविताओं की गंगा बहा दी। श्री मनोहर लाल वर्मा ने अपने मनमोहक गीत काला पानी सिंगरौली अब नाही हो को प्रस्तुत करके श्रोताओं के हृदय मरुस्थल में मंजु मंदाकिनी प्रवाहित कर दिया। संजीव पाठक सौम्य ने बाजार में उतरे थे और प्यार ढूंढ रहे थे हम, शहर के आबोहवा में, बहार ढूंढ रहे थे हम सुनाकर वाहवाही बटोरने में कामयाब रहे। श्री सुरेन्द्र प्रसाद शाह ने एक दिन अंग तरुवर के, लगे इठलाने, श्रेष्ठता अपनी अपनी, लगे बतलाने श्रेष्ठ रचना श्रेष्ठतम अंदाज में प्रस्तुत किया।

श्री राम खेलावन मिश्रा ने बघेली गीत आए आजु मोर भइया प्रस्तुत करके श्रोताओं को ठहाके लगाने हेतु मजबूर कर दिया। प्रविंदु दुबे चंचल ने पत्नी एवम प्रेमिका पर जबरदस्त हास्य कविता प्रस्तुत किया। श्री सुरेश मिश्र गौतम जी ने तुम्हीं दुर्गा, तुम्हीं काली, तुम्हीं नव रूप दुनिया में, तुम्हीं संसार की माता, हमें दो प्यार दुनिया में अप्रतिम प्रस्तुति देकर कवि सम्मेलन को ऊंचाइयों तक पहुंचाया। श्रीकमल शुक्ल अज्ञान ने बेटी पर मनमोहक सवैया प्रस्तुत किया। अंत में अध्यक्ष की आसंदी पर विराजमान वरिष्ठ कवि श्री सुरेश गुप्त ग्वालियरी ने सबके दुख में खड़ी है मां, दिल की बहुत बड़ी है मां, भोर पांच बजे उठ जाती, टिकटिक करती घड़ी है मां एवम अन्य कतिपय गंभीर एवम सार्थक रचनाएं प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का सफल संचालन श्रीकमल शुक्ल अज्ञान ने एवम आभार प्रदर्शन श्री अंब्रेश सिंह परिहार, एडवोकेट ने किया। कवि सम्मेलन में भारी तादात में श्रोताओं की उपस्थिति रही।

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