November 22, 2024 5:20 AM

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Sonbhadra News : हत्या के तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा न्यायधीश ने सुनाया।

  • 20-20 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर 4-4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
  • जेल में बितायी अवधि सजा में होगी समाहित

Sonbhadra News/ Report: जितेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी सोनभद्र 

सोनभद्र। करीब साढ़े चार वर्ष पूर्व घर पर बुलाकर कुल्हाड़ी से सिर पर प्रहार कर हुए राजकुमार शर्मा हत्याकांड के मामले में शुक्रवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम जीतेंद्र कुमार द्विवेदी की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर तीन दोषियों उर्मिला कुमारी, अमरजीत गुप्ता और शिवशंकर गुप्ता को उम्रकैद व 20-20 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 4-4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी।

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क्या था पूरा मामला जानें 

अभियोजन पक्ष के मुताबिक ममता शर्मा पत्नी स्वर्गीय राजकुमार शर्मा निवासिनी सागोबांध, थाना-बभनी, जिला-सोनभद्र ने 22 नवम्बर 2019 को थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसके गांव की उर्मिला कुमारी उसके बेटे सूर्य प्रकाश शर्मा से शादी करना चाहती थी। लेकिन उसने अपने बेटे की शादी झारखंड में कर दी।

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इसी बात को लेकर उसके पति राजकुमार शर्मा को 22 नवम्बर 2019 को सुबह 9 बजे उर्मिला कुमारी ने अपने घर बुलाया जहां एकराय होकर अमरजीत गुप्ता व शिवशंकर गुप्ता ने उसके पति का दोनों हाथ पकड़ लिया तथा उर्मिला कुमारी ने कुल्हाड़ी के पास से प्रहार कर गंभीर चोटें पहुंचाई। गंभीर चोट लगने की वजह से पति की मौके पर ही मौत हो गई। बावजूद इसके पति को म्योरपुर अस्पताल ले गए जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। शव मौके पर पड़ा है आवश्यक कार्रवाई की जाए। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया। मामले की विवेचना करते हुए विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर उर्मिला कुमारी, अमरजीत गुप्ता व शिवशंकर गुप्ता निवासीगण सागोबांध, थाना बभनी, जिला सोनभद्र के विरुद्ध कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था।

Image Source: Pinterest


मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर तीनों दोषियों उर्मिला कुमारी, अमरजीत गुप्ता और शिवशंकर गुप्ता को उम्रकैद व 20-20 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 4-4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विनोद कुमार पाठक ने बहस की।

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