December 23, 2024 9:06 PM

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Sonbhadra News : दरोगा समेत आठ पुलिसकर्मियों के विरुद्ध दर्ज होगी एफआईआर.

दलित महिलाओं की बेरहमी से पिटाई करने, जाति सूचक शब्दों से गाली देकर अपमानित करने, घर में घुसकर तोड़फोड़ कर सामान नष्ट करने, नगदी रुपया लूटने, शिकायत करने पर इनकाउंटर करने की धमकी के मामले.
  •  कोर्ट ने दिया रॉबर्ट्सगंज कोतवाल को मुकदमा दर्ज कर संबंधित पुलिस अधिकारी से विवेचना कराने का आदेश.

Sonbhadra News – जितेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी / राजेश पाठक – सोनभद्र / Sonprabhat 

सोनभद्र। चार माह पूर्व रौप घसिया बस्ती में दलित महिलाओं की बेरहमी से पिटाई करने, जाति सूचक शब्दों से गाली देकर अपमानित करने, घर में घुसकर तोड़फोड़ कर सामान नष्ट करने, नगदी रुपया लूटने, शिकायत करने पर इनकाउंटर करने की धमकी दिए जाने के मामले में विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट आबिद शमीम की अदालत ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए तत्कालीन चुर्क चौकी इंचार्ज/ एसआई कमल नयन दुबे समेत रॉबर्ट्सगंज कोतवाल को मुकदमा दर्ज कर पुलिस अधिकारी से विवेचना कराने का आदेश दिया है। उक्त आदेश मुनिया पत्नी कुमार घसिया निवासी रौप घसिया बस्ती, थाना कोतवाली रॉबर्ट्सगंज, जिला सोनभद्र द्वारा अधिवक्ता रोशन लाल यादव के जरिए दाखिल धारा 175(3) बीएनएसएस प्रार्थना पत्र पर दिया है।

दलित महिला ने आरोप लगाया है कि 12/13 जुलाई की रात 2 बजे तत्कालीन चुर्क चौकी इंचार्ज / एसआई कमल नयन दुबे और 7 की संख्या में पुलिसकर्मी बर्दी में अचानक घसिया आदिवासी बस्ती में लाठी लेकर घुस आए और घर के अंदर सोते समय घसीटते हुए बाहर लाकर लाठी से पीटने लगे। चिल्लाने की आवाज सुनकर उसे बचाने आई करीब आधा दर्जन दलित महिलाओं को भी बेरहमी से पिटाई की और उनके साथ छेड़छाड़ भी किया। इतना ही नहीं करीब एक दर्जन महिलाओं के घरों में घुसकर लाठी से पीटकर सामान भी तोड़फोड़ कर नष्ट कर दिया। इसके अलावा लड़की के शादी का 10 हजार रुपया भी आलमारी तोड़कर पुलिसवाले निकाल ले गए। दरोगा कमल नयन दुबे और पुलिसकर्मियों ने जाति सूचक शब्दों से गाली देकर अपमानित किया। जाते समय यह धमकी दिया कि अगर कहीं शिकायत किया तो इनकाउंटर कर दिया जाएगा। घटना की सूचना रॉबर्ट्सगंज कोतवाली में देने जाने पर वहां से भगा दिया गया और घायलों का दवा इलाज भी नहीं कराया। 19 जुलाई को घायल महिलाओं ने अपना दवा इलाज कराया। 20 जुलाई को रजिस्टर्ड डाक से एसपी सोनभद्र को शिकायती प्रार्थना पत्र दिया। कोई कार्रवाई न होने पर 26 जुलाई को न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया है।मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने संज्ञेय व गम्भीर प्रकृति का अपराध मानते हुए उपरोक्त आदेश दिया है।

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