March 18, 2025 2:43 PM

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Sonbhadra News : तीस वर्षों से गौ सेवा में समर्पित सावित्री देवी, शारीरिक और मानसिक लाभ का देती हैं संदेश

Sonbhadra News : गौ सेवा के प्रति समर्पित 96 वर्षीय सावित्री देवी, तीन दशकों से गौ माता की निस्वार्थ सेवा कर रही हैं। उनका मानना है कि गौ सेवा से न केवल आध्यात्मिक शांति मिलती है,
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Sonbhadra News | प्रशांत कुमार दुबे

म्योरपुर, सोनभद्र | ग्राम पंचायत खैराही की निवासी श्रीमती सावित्री देवी, जो एक पूर्व सैनिक की पत्नी हैं, बीते तीन दशकों से निस्वार्थ भाव से गौ सेवा कर रही हैं। 96 वर्षीय सावित्री देवी उम्र के इस पड़ाव में भी पूरी ऊर्जा और समर्पण के साथ गौ पालन में लगी हुई हैं। उनका मानना है कि गौ सेवा न केवल धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी संवारने में सहायक होती है।

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गौ सेवा से मिलता है मानसिक और शारीरिक लाभ

सावित्री देवी प्रतिदिन सुबह पांच बजे उठकर अपने दिनचर्या की शुरुआत करती हैं। नित्य क्रियाओं के पश्चात वे पूरी श्रद्धा के साथ सुबह और शाम गौ सेवा में जुट जाती हैं। उनका कहना है कि गौ माता की देखभाल करने से मन को शांति मिलती है और शरीर भी स्वस्थ रहता है।

वे बताती हैं कि गौ सेवा करने से दो प्रमुख लाभ होते हैं – पहला शारीरिक और दूसरा मानसिक। नियमित गौ सेवा से शारीरिक श्रम होता है, जिससे शरीर सक्रिय और सशक्त बना रहता है। वहीं, मानसिक रूप से भी यह कार्य संतुष्टि और आत्मिक शांति प्रदान करता है। उनका कहना है कि यदि व्यक्ति पूरे समर्पण और प्रेम से गौ माता की सेवा करे, तो वह जीवन में सुख और शांति का अनुभव कर सकता है।

पति थे भारतीय सेना के वीर सैनिक

सावित्री देवी के पति, स्वर्गीय केदारनाथ दुबे, भारतीय सेना के वीर सैनिक थे। उनका सेना में चयन वर्ष 1942 में डोगरा रेजिमेंट के अंतर्गत हुआ था। भारत की आज़ादी से पहले उन्हें पाकिस्तान के लाहौर में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था। 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान वे बर्मा युद्ध में भेजे गए, जहां एक मुठभेड़ में उनके बांए पैर में गोली लग गई। इस चोट के चलते वे 1946 में मेडिकल रूप से अनफिट घोषित किए गए और उन्हें सेना छोड़नी पड़ी।

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गौ सेवा को बताया जीवन का आधार

सावित्री देवी का कहना है कि जीवन में किसी भी कठिनाई से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि धैर्य और समर्पण के साथ आगे बढ़ना चाहिए। उनका मानना है कि गौ माता की सेवा करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और व्यक्ति आध्यात्मिक रूप से समृद्ध होता है। वे युवा पीढ़ी से भी आग्रह करती हैं कि वे गौ माता के संरक्षण और देखभाल में रुचि लें, जिससे समाज में नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बनाए रखा जा सके।

समाज के लिए प्रेरणा

96 वर्ष की आयु में भी सावित्री देवी की जीवटता और समर्पण सभी के लिए प्रेरणादायक है। उनके द्वारा की जा रही गौ सेवा न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह समाज में मानवीय मूल्यों और सेवा भाव को भी प्रोत्साहित करती है। उनका जीवन संदेश देता है कि यदि हम अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करें, तो हर परिस्थिति में आनंद और शांति प्राप्त कर सकते हैं।

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