March 18, 2025 9:03 PM

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Sonbhadra News : सरकारी भूमि पर अतिक्रमण जारी, प्रशासनिक उदासीनता पर उठे सवाल

Sonbhadra News : दुद्धी नगर पंचायत क्षेत्र में सरकारी भीठा, नहर और स्टेट की भूमि पर अवैध कब्जे लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।

Sonbhadra News | Sonprabhat | जितेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी 

दुद्धी, सोनभद्र: नगर पंचायत दुद्धी में सरकारी भीठा, नहर एवं स्टेट की भूमि पर अवैध कब्जा बढ़ता जा रहा है, लेकिन राजस्व विभाग और नगर पंचायत प्रशासन इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है। यह गंभीर मुद्दा जनता के बीच आक्रोश का कारण बनता जा रहा है।

भू-माफियाओं की नजर ऐतिहासिक भीठा बांध पर

दुद्धी कस्बे में कैनाल बंधी डिवीजन द्वारा सैकड़ों वर्ष पूर्व निर्मित 50 से 100 फीट चौड़े भीठा बांध पर भू-माफियाओं की गलत नजरें टिकी हुई हैं। लगातार सरकारी जमीनों पर अवैध निर्माण किए जा रहे हैं। स्थानीय नागरिकों के अनुसार, इन गतिविधियों की जानकारी राजस्व विभाग और नगर पंचायत प्रशासन को है, लेकिन कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जा रही। इससे यह संदेह उत्पन्न हो रहा है कि कहीं ये अतिक्रमण प्रशासन की मिलीभगत से तो नहीं हो रहे?

बड़ी राजस्व हानि की संभावना

यदि नगर पंचायत और राजस्व विभाग की एक निष्पक्ष टीम गठित कर खतौनी के आधार पर भीठा बांध और अन्य सरकारी जमीनों की जांच की जाए, तो करोड़ों-अरबों रुपये की राजस्व हानि उजागर हो सकती है। इसी तरह, पोस्टमार्टम हाउस के पीछे स्थित भीठे पर भी अवैध कब्जे की स्थिति देखी जा सकती है।

प्रशासनिक लापरवाही पर होनी चाहिए सख्त कार्रवाई

यदि जांच में दोषी अधिकारी पाए जाते हैं, तो नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी एवं संबंधित राजस्व कर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। उनकी वेतन से राजस्व क्षति की भरपाई कराई जानी चाहिए, साथ ही अवैध कब्जों को हटाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए।

सरकार की नीति और स्थानीय प्रशासन की नाकामी

प्रदेश सरकार एक ओर भू-माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कर रही है, वहीं दुद्धी क्षेत्र में स्टेट की भूमि, नहरों और बांधों पर अवैध कब्जे जारी हैं। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि स्थानीय प्रशासन क्यों मूकदर्शक बना हुआ है?

हाईकोर्ट का हस्तक्षेप आवश्यक?

यदि प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर जल्द कदम नहीं उठाता, तो जनहित याचिका के माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय का हस्तक्षेप सुनिश्चित कराया जाएगा। इसके जरिए नगर पंचायत और राजस्व विभाग की जवाबदेही तय करने की दिशा में ठोस पहल की जाएगी।

सरकारी भूमि पर हो रहे इस अतिक्रमण को रोकना न केवल प्रशासन की जिम्मेदारी है, बल्कि जनहित में भी आवश्यक है। यदि समय रहते उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो यह समस्या और विकराल रूप ले सकती है।

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