March 20, 2025 4:05 AM

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Sonbhadra News : बांस-बल्ली के सहारे बिजली सप्लाई, जर्जर उपकरणों के भरोसे हजारों ग्रामीण

Sonbhadra News : बांस-बल्ली के सहारे चल रही बिजली आपूर्ति, 15 वर्षों से नहीं हुआ जर्जर उपकरणों का नवीनीकरण, अधिकारी दे रहे सिर्फ आश्वासन
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Sonbhadra News | Sonprabhat | Vinod Gupta

बीजपुर, सोनभद्र | नधिरा सबस्टेशन से जुड़े करीब 40 गांवों के 30 हजार से अधिक बिजली उपभोक्ता लंबे समय से बदहाल बिजली आपूर्ति की मार झेल रहे हैं। पोल, तार और अन्य उपकरण इतने जर्जर हो चुके हैं कि कई जगहों पर बांस-बल्ली, रस्सी और कपड़े के सहारे बिजली आपूर्ति जारी है। ओवरलोड के चलते बार-बार बिजली ट्रिप हो रही है, जिससे ग्रामीणों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है।

15 साल से नहीं हुआ मरम्मत कार्य

स्थानीय निवासियों के अनुसार, पिछले 15 वर्षों में बिजली वितरण निगम ने मरम्मत के नाम पर एक पैसा भी खर्च नहीं किया। अधिकारी केवल यह कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं कि प्रस्ताव शासन को भेजा गया है और जल्द ही उपकरण बदले जाएंगे। लेकिन यह “जल्द” कब आएगा, इसका कोई ठोस जवाब नहीं मिल रहा।

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गिरते तार और टूटते पोल से खतरा बढ़ा

गांवों में बिछाई गई एलटी लाइन और 11 केवीए के तार जर्जर हो चुके हैं। कई स्थानों पर बिजली के पोल पूरी तरह टूट चुके हैं या गायब हो गए हैं, जिससे पोल-टू-पोल की दूरी बढ़ गई है। हल्की बारिश, तेज हवा, गरज-चमक या तेज धूप होने पर ये उपकरण काम करना बंद कर देते हैं। कई बार तार टूटकर गिर जाते हैं, जिससे घंटों तक बिजली आपूर्ति बाधित रहती है।

भीषण गर्मी और बरसात में बढ़ेगी मुश्किलें

आने वाले गर्मी और बारिश के मौसम में यह समस्या और गंभीर हो सकती है। बारिश के दौरान तो कई-कई दिनों तक बिजली आपूर्ति ठप हो जाती है, जिससे ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बिजली विभाग के कर्मचारी फॉल्ट ठीक करने में असहाय नजर आते हैं, जबकि अधिकारी केवल आश्वासन देने तक सीमित रहते हैं।

ग्रामीणों को खुद करना पड़ रहा इंतजाम

नेमना गांव में सड़क किनारे एलटी लाइन की एबीसी केबल सड़कर झूल रही है। स्थानीय लोग लकड़ी के बल्ली से इसे किसी तरह ऊपर उठाए हुए हैं। स्थिति इतनी खराब है कि पोल की कमी के चलते नमामि गंगे जलकल योजना के पोल पर रस्सी बांधकर बिजली सप्लाई दी जा रही है। यह नजारा केवल नेमना तक सीमित नहीं है, बल्कि आसपास के हर गांव में देखने को मिल रहा है।

अधिकारियों के पास सिर्फ आश्वासन

जब एसडीओ म्योरपुर शिवम गुप्ता से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने स्वीकार किया कि जर्जर उपकरणों को बहुत पहले ही बदल दिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा, “ठेकेदार ने होली के बाद उपकरण बदलने का आश्वासन दिया था, अब फिर से बात करूंगा और जल्द ही इन्हें बदलवाया जाएगा।”

ग्रामीणों की मांग – तत्काल हो समाधान

ग्रामीणों ने मांग की है कि जल्द से जल्द जर्जर उपकरणों को बदला जाए, ताकि भीषण गर्मी और बारिश के दौरान बिजली आपूर्ति ठप न हो। अगर समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो आने वाले दिनों में जनता उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगी। प्रशासन को इस समस्या पर तत्काल ध्यान देना चाहिए, ताकि ग्रामीणों को सुरक्षित और सुचारु बिजली आपूर्ति मिल सके।

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