July 20, 2025 10:54 PM

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Sonbhadra News : ठुरुक्की नदी से रिहंद जलाशय तक बेलगाम अवैध बालू खनन, जिम्मेदार बने मूकदर्शक

Sonbhadra News : वन विभाग व खनन माफिया की मिलीभगत से जारी है खुलेआम खनन, प्रशासनिक कार्रवाई का अभाव

Sonbhadra News | Sonprabhat | Vinod Gupta

 बीजपुर/सोनभद्र। सोनभद्र जिले के जरहा वनरेंज क्षेत्र में ठुरुक्की नदी से लेकर रिहंद जलाशय तक अवैध बालू खनन अपने चरम पर पहुंच गया है। स्थानीय लोगों के बार-बार शिकायत करने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। कोई बीट वन दरोगा को दोषी ठहरा रहा है, तो कोई इसे खनन विभाग के अंतर्गत बताकर पल्ला झाड़ रहा है।

अधिकारियों की उदासीनता, कागजी कार्रवाई तक सीमित कार्रवाई

वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जब तक जंगल के भीतर या वन मार्गों से खनन होता नहीं दिखेगा, तब तक वे कार्रवाई नहीं कर सकते। स्थानीय लोगों का आरोप है कि जब अखबारों में खबरें प्रकाशित होती हैं, तो केवल दिखावे के लिए एक-दो ट्रैक्टर पकड़कर खानापूर्ति कर दी जाती है। इसके बाद खनन माफियाओं को इशारा देकर फिर से अवैध खनन की छूट दे दी जाती है।

50 से 60 ट्रैक्टरों से धड़ल्ले से हो रहा खनन

सूत्रों के मुताबिक, क्षेत्र में ठुरुक्की नदी, अंजीर नदी, बिच्छी नदी, बघाडू, रिहंद जलाशय, लीलादेवा, खम्हरिया, महरिकला, महुली, रजमिलान, समर, लोटवा, डिघुल, नीमडॉड समेत 22 स्थानों से प्रतिदिन 50 से 60 ट्रैक्टर और टीपर की मदद से अवैध बालू निकाला जा रहा है। बताया जा रहा है कि वन विभाग के दो दरोगाओं और कुछ वन रक्षकों की मिलीभगत से प्रति ट्रैक्टर 15 हजार रुपये की अवैध वसूली की जा रही है, जिससे अवैध कारोबार फल-फूल रहा है।

संदिग्ध भूमिका में वन विभाग के अधिकारी और कर्मी

विभागीय सूत्रों के अनुसार, जरहा और इंजानी वन बीट में तैनात वन दरोगाओं और कर्मियों की भूमिका संदेह के घेरे में है। इनकी मिलीभगत के बिना इतने बड़े पैमाने पर खनन संभव नहीं है।

डीएफओ ने दिया सख्त कार्रवाई का आश्वासन

इस मामले में डीएफओ रेणुकूट भानेन्द्र सिंह ने कहा कि अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए उड़ाका दल (फ्लाइंग स्क्वाड) की टीम तैनात कर दी गई है। वे खुद कुछ दिनों में रात में निरीक्षण करेंगे। साथ ही, मार्च के बाद कुछ स्टाफ को हटाने की भी योजना है, ताकि अवैध खनन पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।

स्थानीय लोगों की मांग- हो सख्त कार्रवाई

ग्रामीणों और पर्यावरण प्रेमियों ने प्रशासन से अवैध बालू खनन पर सख्ती से रोक लगाने और दोषी अधिकारियों व खनन माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि जल्द से जल्द इस पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो प्राकृतिक संसाधनों का विनाश और बढ़ता जाएगा, जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान होगा।

 

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