April 20, 2025 1:16 PM

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Sonbhadra News : हार्डकोर नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा समेत दो दोषियों को उम्रकैद

Sonbhadra News : पांच राज्यों में आतंक का पर्याय बने नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा और उसके साथी अजीत कोल को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दोनों पर 20-20 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया गया,

Sonbhadra News | Sonprabhat Digital Desk

  • 20-20 हजार रुपये अर्थदंड, भुगतान न करने पर 4-4 माह की अतिरिक्त सजा

सोनभद्र : पांच राज्यों—उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ में आतंक का पर्याय रहे हार्डकोर नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा और उसके साथी अजीत कोल को गुरुवार को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम जीतेंद्र कुमार द्विवेदी की अदालत ने दोनों दोषियों पर 20-20 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया, जिसे न चुकाने पर 4-4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।

15 साल पुराने हत्या के मामले में आया फैसला

साढ़े 15 वर्ष पूर्व रामवृक्ष की हत्या के मामले में अदालत ने यह फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, तीन दिसंबर 2009 को अजय कुमार पासवान ने कोन थानाध्यक्ष को एक तहरीर दी थी, जिसमें बताया गया कि एक रात पहले भीतरी जंगल में दो नक्सली गुटों के बीच फायरिंग हुई थी। यह संघर्ष लेवी वसूली और रुपये के बंटवारे को लेकर हुआ था, जिसमें एक नक्सली की मौत हो गई थी। घटनास्थल से रामवृक्ष का शव बरामद किया गया था। इस सूचना पर पुलिस ने अज्ञात हत्यारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू की।

पुलिस जांच में मिले अहम सुराग

विवेचना के दौरान हार्डकोर नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा उर्फ विद्रोही और अजीत कोल उर्फ बब्बल के नाम सामने आए। पुलिस ने पर्याप्त सबूत मिलने के बाद दोनों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की।

2012 में मुठभेड़ में हुई थी गिरफ्तारी

सोनभद्र के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद्र दुबे के नेतृत्व में वर्ष 2012 में मुठभेड़ के दौरान इन नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद से ही सोनभद्र, मिर्जापुर और चंदौली जिले में नक्सली गतिविधियां समाप्त हो गईं। मुन्ना विश्वकर्मा पर पांच राज्यों में कुल 10 लाख रुपये का इनाम घोषित था, जिसमें से तीन लाख रुपये का इनाम उत्तर प्रदेश सरकार ने रखा था। वहीं, अजीत कोल पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था।

अदालत ने दोषसिद्ध कर सुनाई सजा

सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुना, गवाहों के बयान दर्ज किए और पत्रावली का अवलोकन किया। पर्याप्त सबूतों के आधार पर अदालत ने हार्डकोर नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा और अजीत कोल को दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही, 20-20 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया। अर्थदंड न देने की स्थिति में दोषियों को अतिरिक्त चार-चार माह की कैद भुगतनी होगी।

अभियोजन पक्ष की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता विनोद कुमार पाठक ने बहस प्रस्तुत की।

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