Sonbhadra News | Anil Kumar Agrahari
डाला, सोनभद्र । भारत के संविधान निर्माता और समाज सुधारक भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती सोमवार को डाला के शहीद स्थल पर श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई। इस अवसर पर डॉ. अंबेडकर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई और उनके विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत:
कार्यक्रम की शुरुआत बाबा साहेब के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। आयोजन स्थल को सजाया गया था और बड़ी संख्या में लोग उपस्थित होकर कार्यक्रम में शामिल हुए।

वक्ताओं ने रखे विचार:
कार्यक्रम के संरक्षक मंगला प्रसाद जायसवाल ने कहा:
“भारतीय इतिहास डॉ. अंबेडकर के योगदान को कभी भुला नहीं सकता। आज हमें जो बोलने की, जीने की और सोचने की स्वतंत्रता मिली है, वह भारतीय संविधान की देन है। बाबा साहेब ने जो रास्ता दिखाया, वही आज की लोकतांत्रिक व्यवस्था की आधारशिला है।”
कोषाध्यक्ष पारसनाथ यादव ने कहा:
“बाबा साहेब का जीवन आज की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत है। युवाओं को चाहिए कि वे उनके दिखाए मार्ग पर चलें और समाज में समानता और समरसता की भावना को बढ़ावा दें।”
कार्यक्रम के अध्यक्ष राणा सुभाष राव अंबेडकर ने कहा:
“बाबा साहेब ने हमें ऐसा संविधान दिया जिसमें हर नागरिक को समान अधिकार मिले। उन्होंने छुआछूत, पाखंड और सामाजिक विषमता के विरुद्ध आजीवन संघर्ष किया। उनकी सोच आज भी समाज के लिए मार्गदर्शक है।”
पद यात्रा का आयोजन:
कार्यक्रम के पश्चात इंडियन बैंक से लेकर डाला शहीद स्थल तक एक पद यात्रा निकाली गई। इस दौरान प्रतिभागियों ने “जय भीम”, “बाबा साहेब अमर रहें”, “सबको समान अधिकार” जैसे नारों से नगर को गुंजायमान कर दिया। यह यात्रा सामाजिक समरसता और एकता का संदेश बन गई।

उपस्थित जनसमूह:
इस अवसर पर मंगला प्रसाद जायसवाल, पारसनाथ यादव, राणा सुभाष राव अंबेडकर, आमिल बेग, राजेश भारती, लक्ष्मण प्रसाद, अहमद हुसैन, सिकंदर, परवेज अहमद, जावेद, सुशीला पटेल समेत सैकड़ों की संख्या में गणमान्य व्यक्ति और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।

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