June 9, 2025 2:18 AM

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Sonbhadra News: ग्राम पंचायत परसोई में सीडीओ जागृति अवस्थी ने किया भ्रमण, मीजल्स-रूबैला सहित टीकाकरण को लेकर किया जनजागरूकता अभियान

Sonbhadra News: संक्रामक रोगों को लेकर फैली भ्रांतियों के बीच घर-घर जाकर बच्चों के स्वास्थ्य की ली जानकारी, परिजनों को किया जागरूक; विद्यालयों की निरीक्षण में कम उपस्थिति पर जताई नाराजगी, टीबी मरीज को पोषण पोटली और सरकारी सहायता की जानकारी दी गई, शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य पर विशेष फोकस के साथ अधिकारियों ने ग्रामीणों को किया प्रेरित
  •  स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा पर विशेष जोर; विद्यालयों की उपस्थिति पर जताई नाराजगी

Sonbhadra News | Sanjay Singh

सोनभद्र। ग्राम पंचायत परसोई में मीजल्स और रूबैला जैसे संक्रामक रोगों को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करने एवं जनजागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) जागृति अवस्थी ने बुधवार को विभिन्न विभागों की टीम के साथ गांव का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने बीमारी से ग्रसित बच्चों के घर-घर जाकर जानकारी ली और उनके परिजनों को टीकाकरण के प्रति जागरूक किया।

घर-घर जाकर बच्चों को पिलाई गई दवा, टीकाकरण को लेकर किया गया जागरूक

सीडीओ जागृति अवस्थी ने बीमारी से पीड़ित बच्चों के परिवारों को समझाया कि समय पर टीकाकरण से न केवल मीजल्स और रूबैला बल्कि टीबी, पोलियो, डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस, हेपेटाइटिस बी, निमोनिया और डायरिया जैसी घातक बीमारियों से भी आसानी से बचा जा सकता है। उन्होंने कुछ बच्चों को खुद दवा की खुराक भी पिलाई ताकि लोगों में सकारात्मक संदेश जाए। बताया गया कि यह सभी टीके स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क उपलब्ध हैं।

टीबी मरीज को पोषण पोटली प्रदान, मासिक सहायता की दी जानकारी

ग्राम पंचायत में भ्रमण के दौरान सीडीओ ने टीबी से पीड़ित एक मरीज से भी मुलाकात की। उनकी स्वास्थ्य स्थिति की जानकारी लेते हुए उन्हें पोषण पोटली दी गई। मरीज ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा उन्हें हर माह ₹500 की अनुदान राशि भी स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रदान की जा रही है।

विद्यालयों में कम उपस्थिति पर जताई नाराजगी, सुधार के निर्देश

सीडीओ ने ग्राम पंचायत परसोई के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों का निरीक्षण भी किया। निरीक्षण के दौरान प्राथमिक विद्यालय में 152 नामांकित बच्चों में से केवल 54 और उच्च प्राथमिक विद्यालय में 169 में से मात्र 38 बच्चे उपस्थित मिले। इस पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने शिक्षकों को कड़े निर्देश दिए कि वे अभिभावकों को जागरूक कर बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करें। साथ ही, उन्होंने कमजोर बच्चों को विशेष सहयोग देने और मिड-डे मील की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की हिदायत दी, ताकि शिक्षा के स्तर को बेहतर किया जा सके।

अधिकारियों की रही सक्रिय भागीदारी

इस अभियान में खंड विकास अधिकारी चोपन, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चोपन के अधीक्षक, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ, डीएमसी यूनिसेफ, बीएमसी यूनिसेफ, बाल विकास परियोजना अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी (पंचायत), ग्राम विकास अधिकारी सहित कई अन्य विभागीय अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। सभी ने अपने-अपने स्तर से गांववासियों को स्वास्थ्य, शिक्षा और स्वच्छता से जुड़ी योजनाओं की जानकारी दी।

यह अभियान न केवल गांव के लोगों को संक्रामक रोगों से बचाव की दिशा में प्रेरित करने वाला साबित हुआ, बल्कि शिक्षा और पोषण जैसे मूलभूत विषयों पर भी जागरूकता फैलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रहा।

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