August 4, 2025 11:03 PM

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मनीष हत्याकांड: कोर्ट के आदेश पर दंपति समेत तीन के खिलाफ दर्ज होगी एफआईआर।

  • 9 महीने बाद कोर्ट की सख्ती से खुलेगा हत्या का राज। 

सोनभद्र | राजेश पाठक | सोनप्रभात न्यूज

चोपन थाना क्षेत्र के बेलछ गांव स्थित टोला अकेलवा में करीब नौ माह पूर्व हुए मनीष कुमार हत्याकांड मामले में नया मोड़ आ गया है। न्याय की उम्मीद लगभग टूटने के बाद मृतक के परिजन को कोर्ट से राहत मिली है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) आलोक यादव की अदालत ने चोपन थाना प्रभारी को दंपति समेत तीन आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर विवेचना करने और उसके परिणाम से न्यायालय को अवगत कराने का सख्त आदेश दिया है।

यह आदेश मृतक के पिता अर्जुन प्रसाद पुत्र स्वर्गीय रजई की ओर से अधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद सिंह के माध्यम से दाखिल धारा 173(4) बीएनएसएस के अंतर्गत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद दिया गया।


क्या है पूरा मामला?

मामला 11 अक्टूबर 2024 की शाम का है जब बेलछ टोला निवासी मनीष कुमार डाला प्लांट में काम पर जाने के लिए निकला था। उसी दौरान गांव के ही सुदेश्वर पुत्र राम अधार उसे रास्ते में मिला और अपने घर बुला लिया। लेकिन इसके बाद मनीष कभी घर नहीं लौटा।

पिता अर्जुन प्रसाद ने बताया कि जब मनीष देर रात तक घर नहीं पहुंचा, तो प्लांट जाकर पता किया। वहाँ मालूम हुआ कि वह उस दिन ड्यूटी पर गया ही नहीं। परिवार ने खोजबीन शुरू की, कई बार सुदेश्वर से पूछताछ की लेकिन वह टालमटोल करता रहा। मनीष का फोन बजता रहा लेकिन किसी ने कॉल रिसीव नहीं किया।

अंततः 14 अक्टूबर की सुबह 8 बजे गांव के ही एक नाले में मनीष की लाश अर्धनग्न अवस्था में पड़ी मिली। केवल अंडरवियर पहने हुए मृतक के पास न तो कपड़े थे, न मोबाइल, न ही कोई अन्य सामान। मौके से सुदेश्वर की पत्नी सिताबी देवी की शॉल और आधी साड़ी बेडशीट में लिपटी पाई गई, जिससे हत्या की आशंका और गहराई।


परिजन की ओर से लगातार की गई शिकायतें हुईं नजरअंदाज

परिजन ने चोपन थाना सहित पुलिस अधीक्षक सोनभद्र को भी 5 नवंबर 2024 को रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से इस संदर्भ में सूचना दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।


🔍 पुलिस की ‘डूबने से मौत’ थ्योरी पर कोर्ट ने उठाए सवाल

मामले में चोपन पुलिस की ओर से शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम कराया गया था, लेकिन किसी आरोपी के खिलाफ एफआईआर नहीं की गई। बाद में जब कोर्ट ने सीओ से रिपोर्ट मांगी, तो उन्होंने “डूबने से मौत” की रिपोर्ट पेश कर दी।

लेकिन कोर्ट ने इस रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए पाया कि –

  • मृतक का मोबाइल गायब था, उसकी कोई जांच नहीं हुई।
  • शव अर्धनग्न स्थिति में मिला, यह हत्या की ओर संकेत करता है।
  • जहां शव मिला वहां पानी महज 2 फीट था, जिससे डूबकर मौत असंभव प्रतीत होती है।
  • कपड़े और मोबाइल की बरामदगी पर जांच में लापरवाही हुई।

⚖️ कोर्ट का स्पष्ट निर्देश

मामले की गंभीरता और प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध की आशंका को देखते हुए सीजेएम आलोक यादव ने चोपन थाना प्रभारी को आदेश दिया है कि –

“सुदेश्वर पुत्र राम अधार, उसकी पत्नी सिताबी देवी व दामाद रमेश निवासी गिरिया, थाना पन्नूगंज, जिला सोनभद्र के विरुद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज कर विधिवत विवेचना की जाए तथा की गई कार्रवाई से न्यायालय को अवगत कराया जाए।”


न्याय की नई उम्मीद

करीब 9 माह तक न्याय की तलाश में भटकते मृतक के परिजन को अब कोर्ट से न्याय की उम्मीद जागी है।

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