July 21, 2025 8:59 PM

Menu

किस्मत के निराले खेल – धूमा गांव में एक ही परिवार के तीन लोग विकलांग, ना पक्का घर, ना दिव्यांग प्रमाण पत्र, ना आयुष्मान कार्ड दिल्ली से समाजसेवी पहुंचे घर।

  • घर में नहीं कोई कमाने वाला रुंगिया देवी के सहारे कुटुम्ब परिवार।

दुद्धी / जितेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी ब्यूरो चीफ सोन प्रभात

दुद्धी सोनभद्र तहसील अंतर्गत कहने को तो आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है और विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के लोग इसी गरीबी बेबसी लाचारी का मंचों पर गरीबी बेबसी दूर करने के नाम पर लंबे-लंबे वादे और भाषणों का विकास का वादे के नाम पर चुन लिए जाते हैं परंतु शोषित, वंचित, आदिवासीय, पिछड़ा समाज जैसे हमेशा ठगा महसूस करता हैं ऐसा हीं एक वाक्या ग्राम धूमा के निवासी कन्हैया लाल के 3 पुत्र जिसमें एक पुत्र की दिव्यांगता के कारण पुत्र की असमय मौत हो गई तो दूसरा पुत्र राकेश कुमार उम्र 14 वर्ष पुत्र कन्हैयालाल व तीसरा विकास कुमार उम्र 12 वर्ष पुत्र कन्हैयालाल दोनों चलने फिरने में दिव्यांगता के कारण असमर्थ है। जिनके पास सामाजिक दिल्ली की कार्यकर्ताओं की टीम घर शुक्रवार कों पहुंची जहाँ जमीनी हकीकत देख सब हैरान हो गए। ना पक्का घर हैं ना दिव्यांग प्रमाण पत्र, ना आयुष्मान कार्ड आर्थिक तंगहाली साथ में कुछ भगवान भरोसे की खेती किसानी के दम पर जीने का संघर्ष लकवा ग्रस्त दादा के दवा के खर्च आदि के जीने के जद्दोजहज के बीच जीने की उम्मीद की आस अब भी बाकी है।

सड़के खंडहर में तब्दील है आजादी के 78 वर्षों बाद भी सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार के जनकल्याणकारी योजना कुपोषित को भरपेट पौष्टिक भोजन, स्वास्थ्य विभाग द्वारा सी एच ओ,आशा, एनम की घर घर पड़ताल कर दवा आंगनबाड़ी कार्यकत्री द्वारा बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा कुपोषित कों भरपेट पौष्टिक भोजन, शिक्षा स्वास्थ्य चिकित्सा की हालात अत्यंत हीं खराब हैं जिम्मेदार लोग अपने कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही बरत रहें हैं।

समाजसेवियों में प्रज्ञा उपाध्याय, योगेश कुमार उपाध्याय, शिवेंद्र नाथ पांडे धनंजय उपाध्याय, सतेन्द्र पाण्डेय साथ में जितेन्द्र चन्द्रवंशी, राकेश उर्फ बुल्लू केशरी आदि की टीम पहुंची। घर में सुंगिया देवी पत्नी कन्हैया लाल द्वारा मिडिया कों बताया गया कि दवा कराने तक के पैसे नहीं हैं ग्राम प्रधान को भी जानकारी कराया गया हैं जिस पर कोई आर्थिक मदद नहीं मिली और कहा गया की 18 वर्ष पूर्ण होने पर ही प्रमाण पत्र मिलेगा, कौन सुनेगा किसको सुनाएं इसलिए चुप रहते हैं। वहीं टीम जोरूखाड़ घसीया बस्ती पहुंची तो कुपोषित बच्चें, एनीमिया के शिकार महिलाएं, टूटे कच्चे के घर और जन कल्याणकारी योजना गरीबों के बेबसी की दास्तां बयां कर रहीं थीं।

Ad- Shivam Medical

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

For More Updates Follow Us On

For More Updates Follow Us On