पुलिस सुरक्षा में 230 बोरी यूरिया का वितरण, हज़ारों किसानों की उम्मीद टूटी.

म्योरपुर / सोनभद्र – Prashant Dubey / Sonprabhat News 


खाद संकट से जूझ रहे किसानों की परेशानी गुरुवार को और गहराती दिखाई दी। ब्लॉक परिसर स्थित सहकारी समिति की दुकान पर पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच म्योरपुर क्षेत्र के किसानों को मात्र 230 बोरी यूरिया का वितरण किया गया। लेकिन हज़ार से अधिक किसान, जो सुबह से ब्लॉक मुख्यालय पर खाद की आस में पंक्ति बनाकर खड़े थे, निराश होकर लौटने को मजबूर हो गए।

सिर्फ म्योरपुर क्षेत्र के किसानों को मिली खाद

जानकारी के मुताबिक, गुरुवार सुबह से ही किरबिल, आरंगपानी, नौडीहा सहित अन्य क्षेत्रों के किसानों ने यूरिया की मांग को लेकर ब्लॉक परिसर में डेरा डाल रखा था। किसानों को उम्मीद थी कि उन्हें भी खाद मिलेगी। लेकिन सुबह 11 बजे के बाद सहकारी समिति सचिव ने स्पष्ट कर दिया कि यूरिया की कमी के कारण सिर्फ म्योरपुर लैंप्स क्षेत्र के गांवों के किसानों को ही खाद वितरित की जाएगी। इस घोषणा के बाद परिसर में अफरा-तफरी मच गई और किसानों ने जमकर हंगामा और नारेबाजी की।

किसानों की पीड़ा: “धान की फसल बर्बाद हो रही”

खाद न मिलने से मायूस किसानों ने कहा कि इस बार की धान की फसल पर सबसे बड़ा खतरा मंडरा रहा है।

  • किसान राम स्वरूप, राम अवतार, रामलाल, राजकुमार, रामगति, सोनू गोंड, राजेंद्र, पन्नालाल, प्रबोध, जवाहिर, जयटलाल ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने तत्काल समाधान नहीं किया तो धान की पैदावार बर्बाद हो जाएगी और किसान कंगाली की ओर धकेल दिए जाएंगे।

  • नौडीहा निवासी प्रदीप ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा, “हम दो दिन से ब्लॉक मुख्यालय पर बिना खाए-पिए बैठे हैं और अंत में खाली हाथ लौटना पड़ा। यदि यही हाल रहा तो इसका सीधा असर सरकार पर पड़ेगा। लेकिन अफसर और नेता हमारी पीड़ा को समझ नहीं रहे हैं।”

सचिव का तर्क: “जहां का लैंप्स वहीं मिलेगी खाद”

सहकारी समिति के सचिव ने स्पष्ट किया कि मौजूदा स्थिति में किसानों को उनके लैंप्स क्षेत्र के हिसाब से ही यूरिया उपलब्ध कराई जाएगी। उनका कहना था कि इस व्यवस्था से किसानों को इधर-उधर भागदौड़ करने से राहत मिलेगी। हालांकि, खाद की आपूर्ति कम होने से अन्य क्षेत्रों के किसानों को मायूसी का सामना करना पड़ा।

खाद संकट से बढ़ रहा तनाव

लगातार खाद की कमी और वितरण की असमानता को लेकर किसान नाराज हैं। उनका कहना है कि यदि समय रहते खाद की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं की गई तो न केवल धान की फसल चौपट हो जाएगी बल्कि किसान भारी आर्थिक संकट में फंस जाएंगे। किसानों ने सरकार से खाद की पर्याप्त व्यवस्था करने की जोरदार मांग की है।

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