दुद्धी रामलीला में गूंजी जय-जयकार: श्रीराम ने धनुष को तोड़ माता सीता का वरण किया.

दुद्धी, सोनभद्र। संवाददाता – जितेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी, ब्यूरो चीफ सोनभद्र

तहसील परिसर दुद्धी में रामलीला नाटक कला मंच द्वारा चल रही ऐतिहासिक रामलीला के मंचन में मंगलवार की रात्रि को मिथिलापुर का पौराणिक स्वयंवर प्रसंग जीवंत हो उठा। जनकपुरी के दरबार में जैसे ही मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने भगवान शिव के पिनाक नामक अद्भुत धनुष को पूजन-अर्चन कर सहजता से उठाया और प्रत्यंचा चढ़ाते ही धनुष टूट पड़ा, पूरा पंडाल “जय श्रीराम” के गगनभेदी नारों से गूंज उठा। इस दृश्य को देखकर हजारों की संख्या में उपस्थित लीला प्रेमी दर्शकों में उल्लास की लहर दौड़ गई।

रावण-वाणासुर का शानदार संवाद, फिर राम का शौर्य प्रदर्शन
स्वयंवर में रावण और वाणासुर के बीच शिवभक्ति और बल-पराक्रम को लेकर हुए वीर रस से परिपूर्ण संवाद ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। लेकिन जब रावण स्वयंवर में रखे धनुष को न उठा सका तो उसका घमंड चूर हो गया और वह दरबार छोड़कर चला गया। जनकपुरी में उपस्थित अन्य प्रतापी राजाओं ने भी प्रयास किए पर कोई धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाने में सफल नहीं हुआ।

जनक की चिंता और राम का आगमन
राजा जनक (भूमिका: कमलेश कुमार कमल) अपनी पुत्री सीता के विवाह को लेकर चिंतित होकर भावुक हो उठे। तभी गुरु विश्वामित्र (भूमिका: सुरेन्द्र मिश्रा) के साथ श्रीराम (भूमिका: उत्कर्ष मिश्रा) और लक्ष्मण (भूमिका: अवि मिश्रा) दरबार में पहुंचे। विश्वामित्र के आदेश पर भगवान राम ने धनुष को सहजता से उठाकर प्रत्यंचा चढ़ाई और उसी क्षण पिनाक धनुष दो भागों में खंडित हो गया।

जय-जयकार से गूंजा दरबार, सीता-राम का वरण
धनुष टूटने के साथ ही मिथिला दरबार में उत्सव का माहौल बन गया। राजा जनक ने भगवान श्रीराम को अपनी पुत्री सीता (भूमिका: भाष्कर तिवारी) का वरण कराया और विवाह की तैयारियां प्रारंभ हुईं।

कलाकारों के अभिनय ने जीता दिल
रामलीला मंचन में रावण की भूमिका नित्यानंद मिश्रा, परशुराम की भूमिका महंत देवेन्द्र मिश्रा साथी, मंत्री सतानन्द की भूमिका पवन सिंह, अष्टभाषी की भूमिका अविनाश गुरुजी ने निभाई। अन्य राजाओं के रूप में प्रमोद कुमार गुप्ता, अक्षत, अलका, उज्जवल, अमरदीप चन्द्रवंशी, राहुल जायसवाल, धनंजय सिंह, मृत्युंजय सिंह, आलोक गुप्ता, अजय गुप्ता और सुनैना मंच पर जीवंत नजर आए। व्यास पीठ पर विवेकानंद मिश्रा, सहयोगी राम जनम गुप्ता, रामदेव सेठ और वादक रवि गुप्ता रहे।

कार्यक्रम के अंत में दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों को सम्मानित किया और कई दर्शकों ने नगद पुरस्कार की घोषणा कर कलाकारों को प्रोत्साहित किया।

बुधवार को होगा सीता-राम विवाह
लीला प्रेमियों में बुधवार को होने वाले सीता-राम विवाह के मंचन को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है। आयोजकों के अनुसार विवाह प्रसंग में हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहेंगे।

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