अधिवक्ता कानूनी हित एवं सामाजिक हितों की धूरी हैं जो संसद एवं माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित कायदे पर आधारित होता हैं – शिवानी सिंह माoसिoजoजूoडीo 

  • दोनों बार एसोसिएशन को एकजुट करने पर अधिवक्ताओं ने दिया जोर।

दुद्धी / सोनभद्र : जितेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी ब्यूरो चीफ सोनभद्र

दुद्धी सोनभद्र डॉo राजेंद्र प्रसाद सभागार में दुद्धी बार एसोसिएशन एवं सिविल बार एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित भारत रत्न प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद एडवोकेट की जन्मजयँती का आयोजन गत वर्षो की भांति किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिवानी सिंह माननीय सिविल जज जूनियर डिवीजन दुद्धी नें अपनी उद्बोधन में कहा कि अधिवक्ता कानूनी एवं सामाजिक हितों की धूरी है जो संसद एवं माननीय उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित कायदे पर आधारित होती है। हमें भी अधिवक्ताओं के कानूनी एवं सामाजिक पक्षों का निर्णयों में सीखने का अवसर प्राप्त होता है।

अधिवक्ताओं के मानवीय पक्षों की सराहना करते हुए अधिवक्ता दिवस की शुभकामनाएं दीं। वरिष्ठ अधिवक्ता जवाहरलाल पांडे एवं सत्यनारायण सिंह एडवोकेट व रामलोचन तिवारी एडवोकेट नें आपसी सद्भाव प्रेम के बीच समन्वय स्थापित कर कार्य करने की बात कहीं। वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता नंदलाल एडवोकेट ने कहा कि सभी अधिवक्ताओं का आज जन्मदिन है आजादी से पूर्व राजशाही पेशा अधिवक्ता रहा जिसमें गाउन में पीछे जेब हुआ करता था जो अधिवक्ताओं के ईमानदारी, समर्पण का स्वैच्छिक दान ही फिस होता था। अधिवक्ता समाज मतभिन्नता और मन भिन्नता के बाद भी भारत में एक है।

जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव एडवोकेट ने कहा संविधान सभा के सभापति व प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद थे जिन्होंने मोहम्मद गौरी द्वारा लूटे गयें सोमनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल के सहयोग से कराया पर प्रकाश डाला। रामपाल जौहरी एडवोकेट नें कहां भारत के निर्माण में अमूल्य योगदान देने वाले प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की भूमिका की प्रशंसा की व जूनियर अधिवक्ताओं को कार्य व्यवहार में आदर्श प्रस्तुत कर अपना मुकाम बनाने का सुझाव दिया।

कुलभूषण पांडे एडवोकेट ने सम्मान व न्याय की प्रतिमूर्ति मुख्यअतिथि माo जज साहिबा को कहा, जिनके निर्णय और न्याय के बिना न्याय का मन्दिर अधूरा हैं। वहीं शिव शंकर प्रसाद एडवोकेट नें कहा प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद एक अधिवक्ता ही नहीं अपितु प्रकाण्ड विद्वान थे जिन्होंने 12 वर्षों तक अधिवक्ताओं के हित पर कार्य किया, हम सभी को सामाजिक दायित्व का भी निर्वहन करना चाहिए. जिसमें अग्रणी भूमिका पत्रकार एवं अधिवक्ताओं की होती हैं। राकेश कुमार श्रीवास्तव एडवोकेट ने कहा कि सामाजिक कर्तव्य न्यायालय के प्रति दायित्वों का सजगता के साथ पालन करना होगा।

कैलाश कुमार गुप्ता नें कहा महादेव की कृपा सभी पर बनी रहे जूनियर सीनियरों का सम्मान कर सीखकर प्रतिभा का उन्नयन करें। सत्यनारायण यादव एडवोकेट ने कहा डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद का जन्म 1814 में हुआ माता का नाम कमलेश्वरी देवी पिता का नाम महादेव सहाय था। जबकि मृत्यु 1963 में हुआ, ईमानदारी के नींव पर हम सभी को डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जैसा दीवार खड़ाकर एक आदर्श न्यायालय में प्रस्तुत करना होगा। शंन्नो बानो एडवोकेट नें शेरों शायरी और गीतों के बीच -” आज रात सपने में मौत आई मैं भी मौत को जवाब दिया तन लें जाओं मन तों दुद्धी बार में बसता हैं ” व गीत “जाने वालों जरा मुड़ के देखो इधर मैं भी इंसान हूं तुम्हारी तरह गाया। ” दिनेश कुमार एडवोकेट ने इशारों इशारों में न्याय और निर्णय आवास और प्रवास के व्याख्या में न्याय के गिरते स्तर व सुचिता पर तंज कसा साथ हीं डॉ राजेंद्र प्रसाद के पटना से दिल्ली तक के न्यायिक सफर व एग्जामिनर द्वारा 10 प्रश्न के प्रतिउत्तर के संदर्भ पर प्रकाश डाला। पीयूष कुमार, आशीष जायसवाल एडवोकेट, कृष्ण कुमार एडवोकेट आदि द्वारा आत्म चिंतन करने और सीनियरों का सम्मान करने की बात कही। दुद्धी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेमचंन्द्र यादव एवं सिविल वार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रभु सिंह एडवोकेट ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की और डॉ राजेंद्र प्रसाद के जन्म जयंती अधिवक्ता दिवस पर सभी को शुभकामनाएं व्यापित किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि द्वारा डॉ राजेंद्र प्रसाद के प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण कर शुरू किया।

Ad- Shivam Medical

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

For More Updates Follow Us On

For More Updates Follow Us On