मनु स्मृति के आईने में : स्त्री गमन व गर्भ में लिंग निर्धारण। – डॉ० लखन राम ‘जंगली’ September 11, 2022 9:33 AM
रामचरितमानस-: “मरम बचन जब सीता बोला। हरि प्रेरित लछिमन मन डोला।” – मति अनुरुप- अंक 43. जयंत प्रसाद October 30, 2021 2:54 PM
रामचरितमानस-: “धर्म हेतु अवतरेहु गोसाईं। मारेहु मोहिं ब्याध की नाईं। मैं बैरी सुग्रीव पियारा। अवगुन कवन नाथ मोहिं मारा।”- मति अनुरुप- अंक 42. जयंत प्रसाद October 9, 2021 2:30 PM
रामचरितमानस-: “उमा दारू जोषित की नाईं। सबहिं नचावत राम गोसाईं।”- मति अनुरुप- अंक 41. जयंत प्रसाद October 2, 2021 1:04 PM
रामचरितमानस-: “सम्भु दीन्ह उपदेस हित, नहिं नारदहिं सोहान। भरद्वाज कौतुक सुनहु, हरि इच्छा बलवान।“- मति अनुरुप- अंक 40. जयंत प्रसाद September 18, 2021 8:42 AM
रामचरितमानस-: “बहुविधि खल सीतहि समुझावा। साम दान भय भेद देखावा।“- मति अनुरुप- अंक 39. जयंत प्रसाद September 11, 2021 1:15 PM
रामचरितमानस-: “सुनत बचन दससीस रिसाना। मन महु चरन बन्दि सुख माना।“- मति अनुरुप- अंक 38. जयंत प्रसाद September 4, 2021 12:14 PM
रामचरितमानस-: “रावन मरन मनुजकर जाचा। प्रभु विधि वचन कीन्ह चह साचा।“- मति अनुरुप- अंक 37. जयंत प्रसाद August 28, 2021 1:18 PM
रामचरितमानस-: “मम पुर बसि तपसिन्ह पर प्रीति। सठ मिलु जाइ तिन्हहि कहु नीति। “- मति अनुरुप- अंक 36. जयंत प्रसाद August 14, 2021 7:51 AM
Nag Panchami 2021 – नाग पंचमी में क्या कुछ है खास, कैसे मनाते है गांवो में, सोनभद्र के कई गांव में होता है इस दिन दंगल। August 12, 2021 11:35 PM
रामचरितमानस-: “सो पर नारि लिलार गोसाईं। तजउ चउथि के चन्द कि नाईं। ” – मति अनुरुप- अंक 35. जयंत प्रसाद April 10, 2021 10:27 AM
रामचरितमानस-: “सचिव बैद गुरु तीनि जौ, प्रिय बोलहिं भय आस।” – मति अनुरुप- अंक 34. जयंत प्रसाद April 3, 2021 11:58 AM
रामचरितमानस -: “हनूमान सम नहिं बड़भागी। नहि कोउ राम चरन अनुरागी।”- मति अनुरुप- अंक 33. जयंत प्रसाद March 27, 2021 10:39 AM
रामचरितमानस -: “लछिमनहूँ यह मरम न जाना। जो कछु चरित रचा भगवाना।” – मति अनुरुप- अंक 32. जयंत प्रसाद March 13, 2021 11:10 AM
महाशिवरात्रि पर विशेष:- शिवलिंग पर भक्त क्यों नहीं चढ़ाते हैं तुलसी, पढ़ें जालंधर नामक राक्षस से जुड़ी कथा। March 11, 2021 6:38 AM
श्री राम कथा प्रसंग – गुरुकुल शिक्षा, सनातन संस्कृति, सोलह संस्कारों आदि की उपेक्षा के कारण संयुक्त परिवार टूट रहे – पंडित श्री दिलीप कृष्ण भारद्वाज महाराज जी March 9, 2021 3:49 PM
रामचरितमानस -: “तापर रुचिर मृदुल मृग छाला। तेहि आसन आसीन कृपाला।”- मति अनुरुप- अंक 31. जयंत प्रसाद March 6, 2021 10:43 PM
श्री राम कथा अमृत वचन -: “जिस घर में नित्य कलह होता है उस घर से लक्ष्मी जी स्वयं चली जाती है – पंडित श्री दिलीप कृष्ण भारद्वाज महाराज” March 5, 2021 11:48 AM
श्रीराम कथा-: अधर्म से संपत्ति अर्जित घरों में दुर्गुणों का वास होता है – पंडित श्री दिलीप कृष्ण भारद्वाज ( 457वीं कथा) March 4, 2021 12:00 PM