March 11, 2025 10:31 PM

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Chhatisgarh News : हौसले की मिसाल बने दिव्यांग बुंदेल कुमार, आत्मनिर्भरता से रचा सफलता का नया अध्याय

Chhatisgarh News : जन्म से दिव्यांग होते हुए भी बुंदेल कुमार ने आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की, साइकिल रिपेयरिंग दुकान चला कर स्वयं का और परिवार का खर्च उठा रहे, छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं से मिली मदद से आसान हुआ सफर, ट्राइसाइकिल मिलने से बढ़ी गतिशीलता, समाज के लिए बने प्रेरणा स्रोत

Chhatisgarh News | Sonprabhat Digital Desk

अंबिकापुर | छत्तीसगढ़ सरकार की हितग्राही मूलक योजनाएं किस तरह से आमजन के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं, इसका उदाहरण हैं दिव्यांग बुंदेल कुमार। जन्म से दिव्यांग होने के बावजूद उन्होंने आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की है और यह साबित कर दिया कि मजबूत इरादों के सामने कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती। अंबिकापुर के केदारपुर में रहने वाले बुंदेल कुमार दूसरों पर निर्भर रहने की बजाय अपनी साइकिल रिपेयरिंग की दुकान चला रहे हैं और अपने माता-पिता का खर्च भी उठा रहे हैं।

मेहनत के बल पर बनाई अलग पहचान

बुंदेल कुमार मूल रूप से जशपुर जिले के सन्ना गांव के निवासी हैं, जहां उनके माता-पिता खेती-किसानी करते हैं। बेहतर आजीविका की तलाश में वे वर्षों पहले अंबिकापुर आए और यहां आकर एक छोटी सी साइकिल रिपेयरिंग दुकान खोली। कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने अपनी मेहनत से खुद को इस काबिल बनाया कि वे न केवल अपना खर्च चला रहे हैं, बल्कि अपने माता-पिता को भी आर्थिक रूप से सहयोग कर पा रहे हैं।

सरकारी योजना से मिली नई राह

शारीरिक असमर्थता के कारण उन्हें पहले आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, लेकिन छत्तीसगढ़ शासन के समाज कल्याण विभाग द्वारा ट्राइसाइकिल उपलब्ध कराए जाने के बाद उनकी जिंदगी आसान हो गई। अब वे अपनी दुकान के लिए आवश्यक सामान लाने और ले जाने में पूरी तरह सक्षम हैं। हाल ही में उनकी ट्राइसाइकिल की बैटरी खराब हो गई थी, जिसे विभाग द्वारा तुरंत बदल दिया गया।

सरकारी सहायता से बढ़ा आत्मविश्वास

बुंदेल कुमार ने छत्तीसगढ़ सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार द्वारा दिव्यांगजनों को दी जाने वाली सहायता से उनका जीवन सरल हो गया है। उन्होंने कहा, “सरकार की योजनाओं से हमें न केवल सहारा मिला है, बल्कि आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी मिला है। अब हम अपने पैरों पर खड़े होकर जीवनयापन कर रहे हैं।”

बुंदेल कुमार जैसे प्रेरणादायक व्यक्तित्व उन सभी के लिए उदाहरण हैं जो चुनौतियों से घबराने की बजाय उनका सामना कर अपने जीवन को सफल बनाना चाहते हैं। उनकी यह कहानी न केवल दिव्यांगजनों बल्कि समाज के सभी लोगों को आत्मनिर्भरता और मेहनत का संदेश देती है।

Source : dprcg.gov.in

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