सागोबांध:-वर्षों से बना उप स्वास्थ्य केंद्र बना जंगल,संबंधित चिकित्सा कर्मचारी बने ईद का चांद
- वार्ड बॉय के अलावा डॉक्टर और संबंधित चिकित्सा कर्मचारी की उपस्थिति नदारद
- गांव के लोगों को इलाज के लिए जाना पड़ता है लगभग 60 किमी दूर
- गंभीर स्थिति में अगर रास्ते में हुई मरीज की मौत तो कौन होगा जिम्मेदार
अनिल गुप्ता -सागोबांध,सोनभद्र(सोनप्रभात)
सागोबांध,सोनभद्र।तहसील दुद्धी के अंतर्गत छत्तीसगढ़ सीमा से सटे गांव सागोबांध गांव आसपास से गावों से विकसित माना जाता है।
शायद इसीलिए प्रशासन ने गांव में गांव के लोगों के उपचार के लिए एक सामुदायिक उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया।
स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण हुए सालों बीत गए लेकिन आज भी इस स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक के नाम पर कोई नहीं बैठता।
जबकि स्वास्थ्य केंद्र में पेयजल तथा बिजली आपूर्ति से संबंधित कोई भी समस्या नहीं है फिर भी यहां पर चिकित्सक ईद के चांद बने हुए हैं।
गांव के लोग इस कदर परेशान हैं कि अगर उन्हें किसी का इलाज कराना पड़ जाए तो उन्हें 60 से 70 किलोमीटर दूर का सफर तय करना पड़ता है।
ग्राम प्रधान पति गोपाल गुप्ता का कहना है कि अगर इस दूरी को तय करते समय किसी मरीज जो गंभीर हालत में हो,की मौत हो जाए तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?
क्या प्रशासन इसकी जिम्मेदारी लेगी?
ग्राम वासियों का कहना है कि उन्हें इस अस्पताल में जल्द से जल्द चिकित्सक चाहिए जिससे वह निर्मित उप स्वास्थ्य केंद्र का लाभ उठा सकें और मीलों का सफर तय करने से बच सकें।