Sonbhadra News/Report: जितेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी
दुद्धी, सोनभद्र । नगर पंचायत दुद्धी के प्रथम चेयरमैन और मृदुभाषी व्यक्तित्व के धनी गोपाल दास जायसवाल का 75 वर्ष की आयु में मंगलवार शाम लगभग 6 बजे हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया। उनके निधन की खबर से नगर एवं आसपास के क्षेत्र में गहरा शोक व्याप्त हो गया। उनका अंतिम संस्कार बुधवार को कनहर और ठेमा नदी के संगम तट पर किया जाएगा।
स्वर्गीय गोपाल दास जायसवाल को पेट फूलने और गैस की शिकायत पर मंगलवार शाम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुद्धी ले जाया गया था। प्रारंभिक उपचार के बाद स्थिति में सुधार न होने पर परिजन उन्हें वाराणसी लेकर जा रहे थे, लेकिन मारकुंडी पहाड़ी चढ़ते समय उन्होंने अंतिम सांस ली।
जनसेवा और विकास कार्यों में अद्वितीय योगदान
गोपाल दास जायसवाल ने नगर पंचायत दुद्धी के गठन के बाद 2 दिसंबर 1988 से लेकर 2 दिसंबर 2005 तक लगातार चेयरमैन के रूप में अपनी सेवाएं दीं। उस समय नगर की गलियां कच्ची पगडंडियों से भरी थीं। उनके कार्यकाल के दौरान नगर में पहली बार नाली, पक्की गली, और खड़ंजा सड़कों का निर्माण हुआ, जिससे नगर को एक नई दिशा मिली।
जानकारी के अनुसार, 1988 में नगर पंचायत के पहले चुनाव में वे “घड़ी” चुनाव चिन्ह से विजयी हुए। उस समय उनके प्रतिद्वंद्वी जगदीश प्रसाद ब्रह्मचारी, जनाब अयूब खान, रामकिशोर सेठ, और अछैवर नाथ गुप्ता जैसे मजबूत प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे।
खेल क्षेत्र में भी सराहनीय भूमिका
गोपाल दास जायसवाल ने 1987 में टाउन क्रिकेट क्लब की स्थापना की और 2005 तक इसके अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए खेल जगत में भी अपनी छाप छोड़ी। क्लब के माध्यम से अंतर्राज्यीय क्रिकेट प्रतियोगिताओं का आयोजन कर उन्होंने खेल प्रेमियों को प्रोत्साहित किया।
मित्रता की मिसाल
स्वर्गीय गोपाल दास जायसवाल की मित्रता को दुद्धी में एक आदर्श के रूप में देखा जाता है। विजय प्रसाद गुप्ता, गोपाल प्रसाद जौहरी, और सुरेश प्रसाद गुप्ता के साथ उनकी गहरी मित्रता सुख-दुख में साथ निभाने की मिसाल रही। उन्होंने अपने परिवार के साथ देश के विभिन्न धार्मिक और पर्यटन स्थलों का भ्रमण कर आपसी सौहार्द को मजबूत किया।
पारिवारिक पृष्ठभूमि
वे छह भाइयों में दूसरे स्थान पर थे। उनके परिवार में स्वर्गीय नंदलाल जायसवाल, बंसीलाल जायसवाल, बसंत लाल जायसवाल, रामलाल जायसवाल, गिरवरधारी जायसवाल और सबसे छोटे भाई मनोज कुमार जायसवाल शामिल हैं। उनके सहज और सरल स्वभाव ने उन्हें नगर के प्रत्येक वर्ग का प्रिय बना दिया।
बुधवार को अंतिम यात्रा के दौरान नगर के गणमान्य नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता, व्यापारी वर्ग, और उनके शुभचिंतक संगम तट पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। उनके पुत्र द्वारा मुखाग्नि देने के साथ वे पंचतत्व में विलीन होंगे।
स्मृतियों में अमर रहेंगे
गोपाल दास जायसवाल के निधन से नगर ने एक ऐसा व्यक्तित्व खो दिया, जिसने विकास, जनसेवा और मित्रता की अद्भुत मिसाल पेश की। उनकी स्मृतियां दुद्धीवासियों के हृदय में सदैव जीवित रहेंगी।
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