Sonprabhat Digital Desk
Health Tips : मेडिकल साइंस ने पिछले कुछ दशकों में अभूतपूर्व प्रगति की है, फिर भी कैंसर आज भी एक ऐसी बीमारी है जो मरीजों की जान बचाने में बड़ी चुनौती बनी हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में पिछले तीन सालों से हर साल 14 लाख से ज्यादा नए कैंसर के मामले सामने आ रहे हैं। चिंता की बात यह है कि अब कम उम्र के लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कैंसर के बढ़ने के पीछे कई कारण हैं, लेकिन इसका एक अनोखा संबंध शरीर में ऑक्सीजन की कमी से भी है। आइए, इस बीमारी और इसके ऑक्सीजन से जुड़े पहलू को विस्तार से समझते हैं।
कैंसर क्या है और यह कैसे शुरू होता है?
हमारे शरीर में लगभग 37 लाख करोड़ कोशिकाएं (सेल्स) होती हैं, जो अलग-अलग कार्यों के लिए जिम्मेदार हैं। ये कोशिकाएं बनती हैं, बढ़ती हैं और खराब होने पर नष्ट भी हो जाती हैं। लेकिन जब किसी अंग में ये कोशिकाएं अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगती हैं, तो कैंसर की शुरुआत होती है। पब्लिक हेल्थ विशेषज्ञ डॉ. जुगल किशोर बताते हैं कि शरीर में फ्री रेडिकल्स नामक अणु होते हैं, जो खराब खानपान, नशे की आदत और प्रदूषण के कारण बढ़ सकते हैं। ये फ्री रेडिकल्स डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे कोशिकाएं बेकाबू होकर बढ़ने लगती हैं। उदाहरण के लिए, जो व्यक्ति सालों से सिगरेट पी रहा है, उसके फेफड़ों की कोशिकाएं धीरे-धीरे प्रभावित होती हैं। जब इम्यूनिटी इसे रोक नहीं पाती, तो फेफड़ों में कैंसर शुरू हो सकता है।
कैंसर शरीर में कैसे फैलता है?
मैक्स अस्पताल के ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. रोहित कपूर के अनुसार, कैंसर शुरू में किसी एक अंग तक सीमित रहता है। लेकिन इलाज न होने पर यह अन्य अंगों में फैलने लगता है, जिसे मेडिकल भाषा में मेटास्टेसिस कहते हैं। मिसाल के तौर पर, गले का कैंसर अगर सिर या फेफड़ों तक पहुंच जाए, तो यह एडवांस स्टेज में बदल जाता है। यह फैलाव ट्यूमर के आसपास के माहौल और व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर निर्भर करता है। कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में कैंसर तेजी से फैलता है।
कैंसर पर इलाज क्यों बेअसर हो जाता है?
राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट के डॉ. विनीत तलवार बताते हैं कि कैंसर कोशिकाएं समय के साथ बदलती रहती हैं। इनमें जेनेटिक परिवर्तन इतने तेज होते हैं कि ये दवाओं और थेरेपी के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेती हैं। सामान्य कोशिकाओं में सुरक्षात्मक तंत्र होता है जो इन्हें अनियंत्रित बढ़ने से रोकता है, लेकिन कैंसर कोशिकाएं इम्यूनिटी से बच निकलती हैं और जीवित रहकर बढ़ती रहती हैं। यही कारण है कि अंतिम चरण में कैंसर को नियंत्रित करना बेहद मुश्किल हो जाता है। डॉ. तलवार कहते हैं कि समय पर पहचान ही इस बीमारी से बचाव का सबसे बड़ा हथियार है।
ऑक्सीजन की कमी और कैंसर का संबंध
डॉ. रोहित कपूर स्पष्ट करते हैं कि बाहर की हवा में मौजूद ऑक्सीजन का कैंसर से सीधा संबंध नहीं है, लेकिन शरीर के अंदर ऑक्सीजन का स्तर इसके फैलाव को प्रभावित करता है। कैंसर कोशिकाओं को जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन चाहिए होती है। जब ये तेजी से बढ़ती हैं, तो ऑक्सीजन की खपत बढ़ जाती है, जिससे शरीर में इसकी कमी हो जाती है। इसे हाइपोक्सिया कहते हैं। हाइपोक्सिया की स्थिति कैंसर के बढ़ने को बढ़ावा देती है। इसीलिए कई मरीजों को हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी या हाइड्रोजन पेरोक्साइड दी जाती है। डॉ. कपूर बताते हैं कि ऑक्सीजन की कमी खून की असामान्यताओं, सर्कुलेशन की समस्या या एनीमिया के कारण हो सकती है। हालांकि, यह साफ है कि ऑक्सीजन की कमी कैंसर को शुरू नहीं करती, बल्कि इसके फैलने में सहायक होती है।
कैंसर से बचाव के उपाय
डॉ. कपूर के अनुसार, कैंसर से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना जरूरी है। फास्ट फूड, सिगरेट और शराब से दूरी बनाएं। रोजाना व्यायाम करें और अपनी डाइट में एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे लहसुन व अदरक शामिल करें। हर छह महीने में सीबीसी टेस्ट कराएं ताकि खून की कमी का पता चल सके। खासकर अगर परिवार में कैंसर का इतिहास हो, तो नियमित जांच अनिवार्य है। वजन में अचानक बदलाव या लंबे समय तक कोई स्वास्थ्य समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह लें।
कैंसर से जुड़े कुछ तथ्य
- भारत में पुरुषों में फेफड़ों का कैंसर सबसे आम है।
- महिलाओं में सर्वाइकल और स्तन कैंसर के मामले ज्यादा देखे जाते हैं।
- कुछ कैंसर वंशानुगत भी हो सकते हैं।
- इलाज के बाद भी कैंसर दोबारा होने का खतरा रहता है।
कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए जागरूकता और समय पर जांच ही इस जानलेवा बीमारी से लड़ने का सबसे कारगर तरीका है। अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें, क्योंकि रोकथाम इलाज से बेहतर है।

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