June 23, 2025 5:18 PM

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Hindu New Year 2025 : चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हिंदू नववर्ष और विक्रम संवत 2082 की होगी शुरुआत

Hindu New Year 2025 : चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हिंदू नववर्ष एवं विक्रम संवत 2082 की होगी शुरुआत, चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की होगी पूजा, धर्मशास्त्रों के अनुसार यह समय आत्मशुद्धि, आध्यात्मिक साधना और सुख-समृद्धि प्राप्ति के लिए विशेष फलदायी

सोनप्रभात न्यूज़ डेस्क

Hindu New Year 2025 : हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है, जो इस वर्ष 30 मार्च 2025 को मनाया जाएगा। इसी दिन से विक्रम संवत 2082 का शुभारंभ होगा। हिंदू नववर्ष के साथ ही चैत्र नवरात्र भी प्रारंभ होंगे, जिनमें मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाएगी और भक्तजन विधिपूर्वक व्रत रखेंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इन नौ दिनों में की गई उपासना से साधक को सुख-समृद्धि और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।

विक्रम संवत का ऐतिहासिक महत्व

विक्रम संवत हिंदू धर्म का एक प्राचीन पंचांग है, जिसकी गणना राजा विक्रमादित्य द्वारा प्रारंभ किए गए संवत से की जाती है। इतिहासकारों के अनुसार, यह संवत ईसा पूर्व 57 वर्ष से प्रचलित है और अंग्रेजी कैलेंडर से 57 वर्ष आगे चलता है।

हिंदू पंचांग और महीनों की गणना

हिंदू कैलेंडर में कुल 12 महीने होते हैं, जिनकी गणना कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर पूर्णिमा तिथि पर समाप्त होती है। हिंदू महीनों के नाम इस प्रकार हैं:

  • चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन।

चैत्र नवरात्र 2025 – तिथि एवं शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च को शाम 04:27 बजे से प्रारंभ होगी और 30 मार्च को दोपहर 12:49 बजे समाप्त होगी। इस आधार पर चैत्र नवरात्र का आरंभ 30 मार्च 2025 से होगा और समापन 6 अप्रैल 2025 को होगा। इसी दिन गुड़ी पड़वा का पर्व भी मनाया जाएगा, जो महाराष्ट्र और गोवा में विशेष रूप से लोकप्रिय है।

धार्मिक और सामाजिक मान्यता

चैत्र नवरात्र के दौरान श्रद्धालु मां दुर्गा के नौ रूपों की उपासना करते हैं और व्रत रखते हैं। यह पर्व आत्मशुद्धि, आत्मसंयम और शक्ति की उपासना का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दौरान की गई साधना जीवन में सुख-समृद्धि लाती है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश करती है।

अस्वीकरण

इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न ज्योतिषीय गणनाओं, धार्मिक ग्रंथों, पंचांगों एवं मान्यताओं पर आधारित है। सोनप्रभात न्यूज़ किसी भी धार्मिक विश्वास, उपाय या कथन का समर्थन नहीं करता। पाठकों से अनुरोध है कि वे इस जानकारी को अंतिम सत्य न मानें और अपने विवेक का उपयोग करें।

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