Sonbhadra News/Report: जितेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी ब्यूरो चीफ सोनभद्र
सोनभद्र, उत्तर प्रदेश : भारतीय गांधीवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष खरवार ने उत्तर प्रदेश के राज्य पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष माननीय राजेश वर्मा और सदस्य विनोद कुमार से लखनऊ में मुलाकात की और एक महत्वपूर्ण मांग पेश की। उन्होंने आयोग से आग्रह किया कि ‘कहार’ शब्द को हटाकर ‘चन्द्रवंशी, रवानी’ जाति के रूप में मान्यता दी जाए। यह पत्र भारतीय राष्ट्रीय गांधीवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष खरवार द्वारा हाल ही में सौंपा गया।
संतोष खरवार ने कहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में ‘चन्द्रवंशी’ जाति की पहचान बहुत पुरानी है। इस जाति की उपजातियां जैसे धुरिया, खरवार, गौंड, जैसवाल, रवानी, गयारा, और धूर आदि का इतिहास सैकड़ों वर्षों से एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। इन समुदायों के बीच बेटी-रोटी के संबंध भी मजबूत रहे हैं।
संतोष खरवार ने आयोग के अधिकारियों से यह भी कहा कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन 9 मार्च 1993 को हुआ था, जिसका उद्देश्य पिछड़ी जातियों की स्थिति पर शोध करना और उन्हें सामाजिक व आर्थिक सशक्तिकरण के लिए उचित स्थान दिलाना था। हालांकि, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 1993 के पहले बिना किसी वैज्ञानिक आधार या शोध के पेशेवर शब्द ‘कहार’ को जातिगत सूची में शामिल कर लिया गया, जो कि गलत था।
भारतीय गांधीवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि चन्द्रवंशी जाति की पहचान और उसके विभिन्न उपजातियों के बीच पारंपरिक संबंधों को ध्यान में रखते हुए, पेशागत शब्द ‘कहार’ को हटाकर इसे ‘चन्द्रवंशी, रवानी’ के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए। यह कदम सामाजिक न्याय और इतिहास की मर्यादा को बनाए रखने के लिए जरूरी है।
संतोष खरवार ने राज्य पिछड़ा आयोग से यह भी आग्रह किया कि चन्द्रवंशी जाति और उसकी उपजातियों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित शोध किया जाए और इस प्रक्रिया में उनके अधिकारों का सही तरीके से सम्मान किया जाए।
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