स्वतन्त्रता दिवस विशेष-: खींचो न कमानों को, न तलवार निकालो ! जब तोप मुकाबिल हो, तो अखबार निकालो!!
- खीचों न कमानों को, न तलवार निकालो! जब तोप मुकाबिल हो, तो अखबार निकालो!! – ( अकबर इलाहाबादी)
– सुरेश गुप्त “ग्वालियरी”
(सम्पादक मण्डल- सोनप्रभात)
सुधि जनों! राष्ट्र अपना 74 वाँ स्वतन्त्रता दिवस मनाने जा रहा है,आज राष्ट्र अपने उन सपूतो को याद करता है जिन्होनें आजादी के लिये कुर्बानियां दी है ,देश पर सर्वस्व न्यौछावर किया है , स्वर्गीय महाकवि माखन लाल चतुर्वेदी ने लिखा था “आजादी कितना मीठा शब्द है ,पर यह अपने आप मीठा नही बनता, इसमे मिठास लाती है कुर्बानी व बलिदान ,वह भी उनका – जो आजादी चाहे! ”
एक ओर जहाँ स्वतंत्रता सेनानी,अहिंसावादी, क्रांतिकारी, आन्दोलन कारी ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध संघर्ष मेँ अपना सर्वस्व न्योछावर कर प्राण आहुति दे रहे थे, वहीं पत्रकारिता भी ह्रदय मे उठते हुए अग्नि शिखा को प्रज्वलित कर आम जन मानस में आजादी की चेतना प्रवाहित कर रहा था। अनेक समाचार पत्रों ने सम्पत्ति बेचकर ,कर्ज लेकर विदेशी साम्राज्य से टक्कर ही नहीं ली अपितु शोषण, दमन,व अन्याय के विरुद्ध संहर्ष के लिये प्रेरित किया।
उदन्त मार्तण्ड से प्रारंभ यह पत्रकारिता का स्वतंत्रता सफर , केशरी, मराठा,स्वराज्य, हिंदुस्तान ,सरस्वती, अभ्युदय,प्रभा, हिन्द केशरी,विश्व मित्रा,के बाद प्रताप तक अनवरत चलता रहा। प्रताप में महान स्वतन्त्रता सेनानी भगत सिंह ने भी भागी दारी की। क्रांतिकारी पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी ने सर्वस्व न्योछावर किया, वहीं महान क्रांतिकारियों तथा लेखकों ने अपने लेखो से आजादी की दीप शिखा को जलाए रखा।
बनारस से प्रकाशित आज,एवं वन्दे मातरम,हरिजन सेवक, सत्याग्रह,यंग इण्डिया,देश दूत ,वीर अर्जुन जैसी पत्र पत्रिकाओं ने आम जन मानस को आन्दोलन के लिये उत्प्रेरित किया। अनेक लेखको, कलम कारों को जेल मे रहना पड़ा तो अनेक समाचार पत्रों को जब्त कर पत्रकारों की सम्पत्तियां तक कुर्क कर ली गई।
इस 74 वें स्वतन्त्रता पर्व पर सोन प्रभात न्यूज अमर शहीदों को शत शत नमन् करते हुए उन महान पत्रकारों,कलम कारों ,संपादकों तथा वैचारिक योद्धाओं को भी नमन करता है , जिन्होंने इस आजादी के लिये अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।
स्वतन्त्रता दिवस की ढेरों शुभकामनाएं व बधाई!