March 11, 2025 10:08 PM

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मार्च 2025 : व्रत और त्योहारों से भरपूर महीना, होली से सूर्य ग्रहण तक होंगे कई बड़े आयोजन

होली से चैत्र नवरात्रि तक, सूर्य ग्रहण से ग्रह गोचर तक—धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद खास रहेगा यह महीना

Sonprabhat Digital Desk

मार्च 2025 : हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्च 2025 का महीना धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस माह में होली, फुलैरा दूज, फाल्गुन पूर्णिमा, लक्ष्मी जयंती जैसे प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे, वहीं सूर्य ग्रहण और कई बड़े ग्रहों के गोचर एवं राशि परिवर्तन भी होने वाले हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह माह शुभ कार्यों, पूजा-पाठ और आध्यात्मिक साधना के लिए उत्तम रहेगा।

मार्च 2025 : महत्वपूर्ण व्रत और त्योहारों की सूची

इस महीने के प्रमुख पर्वों और व्रतों की सूची इस प्रकार है:

प्रारंभिक पर्व और उत्सव

  •  1 मार्च – फुलैरा दूज (यह दिन प्रेम और उल्लास का प्रतीक माना जाता है, खासतौर पर राधा-कृष्ण की पूजा के लिए महत्वपूर्ण)
  •  3 मार्च – विनायक चतुर्थी (भगवान गणेश की उपासना के लिए शुभ दिन)
  •  7 मार्च – मासिक दुर्गाष्टमी (माता दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व)

होली महोत्सव और ग्रह परिवर्तन

  •  10 मार्च – आमलकी एकादशी, नृसिंह द्वादशी (एकादशी का व्रत मोक्ष प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण)
  •  11 मार्च – प्रदोष व्रत (भगवान शिव की आराधना का विशेष दिन)
  •  13 मार्च – छोटी होली, होलिका दहन (बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक)
  •  14 मार्च – रंगों का पर्व होली, चंद्र ग्रहण, मीन संक्रांति, फाल्गुन पूर्णिमा (इस दिन का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व काफी अधिक होगा)

नव संवत्सर और चैत्र नवरात्रि प्रारंभ

  •  15 मार्च – चैत्र मास का शुभारंभ
  •  16 मार्च – भाई दूज (भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक)
  •  17 मार्च – भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी (भगवान गणेश की विशेष पूजा)
  •  19 मार्च – रंग पंचमी (होली के बाद पांचवें दिन मनाया जाने वाला रंगोत्सव)

स्वास्थ्य, समृद्धि और देवी पूजन से जुड़े पर्व

  •  21 मार्च – शीतला सप्तमी (मां शीतला देवी की पूजा, खासकर चेचक और अन्य रोगों से बचाव के लिए)
  •  22 मार्च – शीतला अष्टमी, बसोड़ा, कालाष्टमी (मां काली की पूजा का विशेष दिन)

महत्वपूर्ण ग्रह परिवर्तन और धार्मिक अनुष्ठान

  •  25 मार्च – पापमोचिनी एकादशी (पापों से मुक्ति का शुभ अवसर)
  •  27 मार्च – प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि (शिवजी की आराधना के लिए महत्वपूर्ण दिन)
  •  29 मार्च – सूर्य ग्रहण, चैत्र अमावस्या (ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष दिन)
  •  30 मार्च – गुड़ी पड़वा, चैत्र नवरात्रि प्रारंभ (हिंदू नववर्ष का शुभारंभ)
  •  31 मार्च – गणगौर (राजस्थान और उत्तर भारत में महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण पर्व)

धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व

मार्च 2025 में होली, चैत्र नवरात्रि और सूर्य ग्रहण जैसे बड़े पर्व एक ही महीने में आ रहे हैं, जिससे इस माह का धार्मिक महत्व कई गुना बढ़ जाता है। खासतौर पर 29 मार्च को होने वाला सूर्य ग्रहण ज्योतिषीय रूप से कई राशियों पर प्रभाव डाल सकता है।

इस माह में कई बड़े ग्रहों के गोचर और राशि परिवर्तन भी होने वाले हैं, जिससे आर्थिक, सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना है। इसलिए, इस दौरान पूजा-पाठ, दान और ध्यान करना शुभ माना जाएगा।

Disclaimer:

यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और विभिन्न स्रोतों पर आधारित है। Sonprabhat.live / Sonprabhat News किसी भी दावे या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी व्रत, त्योहार या ज्योतिषीय उपाय को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।

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