February 22, 2025 6:38 PM

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MP News : हिंदी साहित्य का महोत्सव, सिंगरौली में मोहन राकेश जन्मशती पर कवियों का समागम

MP News : साहित्यिक मनीषियों और नवोदित कवियों का संगम, काव्य और विचारों की गूंज से गूंज उठा सिंगरौली

सोनप्रभात न्यूज़ | सुरेश गुप्त सह-संपादक ग्वालियरी, सिंगरौली

सिंगरौली। मध्य प्रदेश (MP News) हिंदी साहित्य सम्मेलन, इकाई सिंगरौली के तत्वाधान में सुविख्यात रचनाकार मोहन राकेश की जन्मशती के अवसर पर एक भव्य व्याख्यान सत्र एवं विराट काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ऊर्जांचल के साहित्यकारों द्वारा संकलित साझा काव्य संकलन “काव्य वर्तिका” तथा वरिष्ठ कवि श्री उमाकांत यादव की कृति “अभिव्यक्ति” का विमोचन भी किया गया। इस साझा संकलन का संपादन वरिष्ठ कवि प्रविंदु दुबे “चंचल” द्वारा किया गया, जिसमें 40 से अधिक रचनाकारों की कृतियों को स्थान दिया गया है।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं अतिथियों के माल्यार्पण से हुआ। इसके उपरांत मोहन राकेश के साहित्यिक योगदान पर व्याख्यान सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें श्रीमती सीमा शर्मा, डॉ. आर.डी. पांडेय, सेवा निवृत्त पूर्व प्राचार्य रामभुवन द्विवेदी एवं कार्यक्रम संचालक श्री शिवार्चन शुक्ल ‘मधुर’ ने अपने विचार व्यक्त किए। मुख्य अतिथि नगर निगम आयुक्त श्री डी.के. शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि मोहन राकेश ने हिंदी साहित्य को अपनी कालजयी कृतियों “आषाढ़ का एक दिन,” “आधे-अधूरे” और “लहरों के राजहंस” से समृद्ध किया है। उन्होंने इस आयोजन को गर्व का क्षण बताते हुए कहा कि साहित्य समाज का दर्पण होता है और कवि समाज को नई दिशा प्रदान करने का कार्य करते हैं। उन्होंने स्वयं भी अपनी स्वरचित रचनाएं प्रस्तुत कर समा बांध दिया।

द्वितीय सत्र का शुभारंभ वरिष्ठ कवि श्री श्रुतिवंत दुबे “विजन” की अध्यक्षता एवं कवि श्री कमल शुक्ल ‘अज्ञान’ के सफल संचालन में हुआ। इस सत्र में ऊर्जांचल के विभिन्न कवियों ने अपनी काव्य प्रस्तुति से उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित तहसीलदार, सिंगरौली ग्रामीण, श्रीमती प्रीति सिकरवार ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से न केवल साहित्य का उन्नयन होता है, बल्कि हमारी साहित्यिक धरोहरों को भी सहेजने का अवसर मिलता है। उन्होंने “काव्य वर्तिका” के संपादक प्रविंदु दुबे ‘चंचल’ को विशेष रूप से बधाई देते हुए कहा कि यह संकलन ऊर्जांचल के नवोदित रचनाकारों के लिए एक सशक्त मंच प्रदान करेगा।

मऊगंज से पधारे जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं संस्था के पूर्व अध्यक्ष प्रवेश मिश्र ‘मयंक’ ने भी इस काव्य गोष्ठी एवं व्याख्यान सत्र पर अपने विचार रखे। उन्होंने काव्य की दिशा और दशा पर प्रकाश डालते हुए अपनी सुमधुर काव्य प्रस्तुति से कार्यक्रम की गरिमा को और अधिक बढ़ाया।

रात्रि आठ बजे जलपान के साथ इस भव्य साहित्यिक आयोजन का सफल समापन हुआ।

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