सोनप्रभात – धर्म / संस्कृति विशेष लेख – आशीष गुप्ता “अर्ष”
नाग पंचमी (Nag Panchami) के त्योहार को हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व दिया जाता है, भगवान शिव के माह कहे जाने वाले सावन में शुक्ल पक्ष के पंचमी को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है, इस बार नाग पंचमी (Nag Panchami 2021) 13 अगस्त को मनाया जाएगा। इस लेख में हम नाग पंचमी के महत्व को समझते हुए पूजन विधि और इस बार के शुभ पूजन मुहूर्त पर भी प्रकाश डालेंगे।
नाग पंचमी के पीछे मान्यता –
नाग पंचमी का त्योहार के पीछे प्रचलित धार्मिक कथाओं की माने तो द्वापर युग में जब भगवान विष्णु, श्री कृष्ण अवतार में अपनी बाल लीला कर रहे थे उस दौरान यमुना के किनारे अपने ग्वाल बाल के साथ खेलते – खेलते उनकी कंदुक (गेंद) यमुना के पानी में चली गई। ( भगवान की लीला का एक अहम हिस्सा इसे माना जाता है) तो सभी ग्वाल बाल कन्दुक लाने की जिद्द भगवान श्री कृष्ण से करते हैं, जबकि यमुना में कालिया नाम के एक विशाल नाग के होने की बात सभी को पता था, कालिया नाग के विष से यमुना का पानी भी काला पड़ रहा था। कालिया नाग के भय से वृंदावन का प्रत्येक निवासी कालिया नाग के भय के साए में रहता था। भगवान को अपनी लीला करनी थी और वे कंदुक लाने यमुना में कूद पड़े। भगवान श्री कृष्ण ने यमुना के तल तक का सफर किया, कालिया नाग अपने निवास स्थल में एक बालक को देखकर क्रोध में अपने विष का वार किया तथा श्री कृष्ण को प्रताड़ित कर ग्रसने का असफल प्रयास भी, उधर जब मां यशोदा को कृष्ण के यमुना में जाने की बात पता चली तो पूरा गोकुल के ग्रामवासी समेत नंद बाबा व्याकुल होकर यमुना के तट पर आकर विलखने लगे। भगवान श्री कृष्ण अपने लीला के अनुसार कालिया के अभिमान को खत्म किया और अपने सामने नतमस्तक किया।
कालिया ने भगवान के स्वरूप को पहचान कर उन्हें यमुना से बाहर लाया इस दौरान भगवान श्री कृष्ण कालिया नाग के फन पर अपनी बंसी बजाते हुए नृत्य करते हुए यमुना के जल से बाहर आए। भगवान कृष्ण के बाहर आते ही समस्त गोकुलवासी खुशी से नाचने लगे और उत्सव मनाने लगे, भगवान श्री कृष्ण की बात शिरोधार्य कर कालिया नाग उस स्थल को छोड़ चला गया। कहा जाता है उसी नाग से सुरक्षित होने के बाद नाग की पूजा नाग पंचमी के त्योहार के रूप में मनाई जाती है।
Nag Panchami 2021 मुहूर्त –
पञ्चमी तिथि प्रारम्भ – अगस्त 12, 2021 को 03:24 बजे
पञ्चमी तिथि समाप्त – अगस्त 13, 2021 को 01:42 बजे
नाग पंचमी पूजा मूहूर्त – प्रातः 05:49 से 08:28 तक अवधि – 02 घण्टे 39 मिनट
- नाग देवता पूजन विधि –
सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के पश्चात घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। इस पावन दिन में शिवलिंग पर जल जरूर अर्पित करें। नाग देवता का अभिषेक करें व नाग देवता को दूध का भोग लगाएं। भगवान शंकर, माता पार्वती और भगवान गणेश को भी भोग लगाएं, नाग देवता की आरती करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी कर सकते हैं।
- गांवो में कई जगह आयोजित होते है गांव का दंगल –
नाग पंचमी के दिन गांव के पहलवानों को प्रतीक्षा रहता है, इस दिन सोनभद्र जिले के अनेक गांवों में दंगल, कबड्डी जैसे खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता रहा है। जिसमे स्थानीय लोग कुश्ती में दाव आजमाते हैं, कई जगह पर विभिन्न प्रकार के खेलकूद संबंधी प्रतियोगिता गाजे बाजे के साथ आयोजित किए जाते है, विजेता व अच्छे प्रतिभागियों को पुरस्कृत करने की भी परंपरा चली आ रही है, इस दौरान गांव में एक उत्सव का स्वरूप बनकर दिखाई पड़ता है।
— (लेख में प्रस्तुत कथा ज्योतिष, विद्वानों, और अनेक मतों के आधार पर बताई गई है, इसके पूर्णत: सत्य होने की जिम्मेदारी सोनप्रभात नही लेता है। उपयोगकर्ता अपने जिम्मेदारी पर इस लेख का इस्तेमाल करे। ) – Nag Panchami
Ashish Gupta is an Indian independent journalist. He has been continuously bringing issues of public interest to light with his writing skills and video news reporting. Hailing from Sonbhadra district, he is a famous name in journalism of Sonbhadra district.