February 22, 2025 7:07 PM

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पंचायत उपचुनाव सोनभद्र : जामपानी में ग्राम प्रधान पद के लिए चुनाव चिन्ह आवंटित, चुनावी सरगर्मी तेज.

Sonbhadra

Sonbhadra News : Report – Sonprabhat Live/ Ashish Gupta 

म्योरपुर, सोनभद्र। म्योरपुर विकासखंड के ग्राम सभा जामपानी में ग्राम प्रधान उपचुनाव की प्रक्रिया जोरों पर है। आगामी 19 फरवरी 2025 को मतदान संपन्न होगा, जबकि 21 फरवरी 2025 को मतगणना कर परिणाम घोषित किए जाएंगे। चुनाव चिन्ह आवंटित होने के साथ ही गांव में राजनीतिक सरगर्मी और चुनावी हलचल तेज हो गई है। पिछले चुनाव में यहां का ग्राम प्रधान पद पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित था, इस उप चुनाव में भी पिछड़ी जाति के तीन प्रत्याशी चुनावी मैदान में है।

क्यों पड़ा चुनाव की आवश्यकता?

जामपानी ग्राम सभा का यह उपचुनाव कई मायनों में महत्वपूर्ण है। वर्ष 2005 से लगातार अब तक ग्राम प्रधान रहीं स्वर्गीय जगिया देवी के आकस्मिक निधन के कारण यह चुनाव आवश्यक हो गया। दिसंबर 2024 में उनका देहांत हो जाने के कारण ग्राम प्रधान का पद रिक्त हो गया था। दो माह के भीतर ही चुनाव आयोग ने जिले के कई रिक्त पदों हेतु ग्राम पंचायत उप चुनाव संपन्न कराने का निर्देश जारी किया, जिसके तहत अब चुनावी प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है। स्व० जगिया देवी पत्नी जगपत यादव इस कार्यकाल को पूर्ण करती तो लगातार 20 साल से अधिक समय तक यहां की प्रधान रहती। ग्राम प्रधान का चुनाव असमय होने से यहां के उप चुनाव का चर्चा आस पास के गांवों में भी तेज है।

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चुनावी मैदान में कौन-कौन?

ग्राम प्रधान पद के लिए कुल तीन प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं:
  • जगपत यादव: पूर्व ग्राम प्रधान जगिया देवी के पति, जिन्होंने अपनी पत्नी की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए चुनावी रण में कदम रखा है। साथ ही गांव के पिछले 20 सालों से ग्राम प्रदान प्रतिनिधि भी रहे हैं।
  • अनिरुद्ध: जो पिछली बार स्वर्गीय जगिया देवी के खिलाफ चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इससे पहले भी आपके पिताजी चुनावी रण में पिछले तीन चुनावों में शिकस्त झेल चुके हैं, हालांकि प्रत्येक बार कड़ी टक्कर हुई है।
  • आशा देवी पत्नी उदय कुमार: जो ग्राम पंचायत में रोजगार सेवक (ग्राम पंचायत मित्र) के रूप में कार्य कर चुके हैं, विगत कुछ वर्ष पहले पद से निलंबन झेल चुके और पहली बार प्रधान पद का चुनाव लड़ रहे हैं। विकासखंड पर चुनावी नामांकन के दौरान काफी जनसमुदाय इनके साथ थी।

चुनावी माहौल के बीच यह त्रिकोणीय मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है। प्रत्येक प्रत्याशी अपनी रणनीति के तहत जनसंपर्क अभियान में जुटा हुआ है। तीनों प्रत्याशियों को लेकर ग्रामीण कहते हैं, साल भर का कार्यकाल बचा है, लेकिन चुनावी माहौल बहुत गरम है। कह पाना मुश्किल है कि चुनाव कौन जीतेगा, सभी प्रत्याशियों के पास उनका एक अपना समर्थन बल है।

किसे मिला कौन सा चुनाव चिन्ह?

चुनाव चिन्ह आवंटन के साथ ही गांव में चर्चा तेज हो गई है। चुनाव आयोग द्वारा प्रत्याशियों को निम्नलिखित चुनाव चिन्ह आवंटित किए गए:

  • अनिरुद्ध – अनाज ओसाता किसान
  • जगपत यादव – करनी/कन्नी
  • आशा देवी पत्नी उदय कुमार – इमली

क्या कहते हैं राजनीतिक समीकरण?

गांव की राजनीति पर नजर डालें तो पिछले कई वर्षों से प्रधान पद एक ही परिवार के हाथ में रहा है। अनिरुद्ध ने पिछला चुनाव लड़ा था लेकिन जीत नहीं सके, इनके द्वारा कई गांवों में कार्य योजनाओं को संपन्न कराया गया है, युवाओं के बीच भी पकड़ अच्छी है। उदय कुमार पहली बार मैदान में हैं, लेकिन पंचायत स्तर पर उनकी अच्छी पकड़ बताई जा रही है, पंचायत सहायक रहते हुए इन्होंने गांव में अपना अच्छा खासा पहचान बनाया। वहीं, जगपत यादव को अपनी पत्नी की राजनीतिक विरासत का लाभ मिल सकता है। पिछले कई वर्षों से उन्होंने ग्राम पंचायत का प्रतिनिधित्व किया है। कई कार्ययोजनाएं इनके पत्नी के कार्यकाल में ही संपन्न हुए है। साथ ही पत्नी के निधन के सहानुभूति और लोगों की भावनाएं भी जुड़ सकती है।

हालांकि यह तो चुनाव परिणाम बताएगा। सभी प्रत्याशी मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए पूरी मेहनत कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि 19 फरवरी को जनता किसे अपना प्रधान चुनती है और 21 फरवरी को किसके सिर पर जीत का ताज सजेगा।

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