December 8, 2024 6:17 AM

Menu

Sonbhadra News: 14 वर्ष पहले दहेज हत्या की भेंट चढ़ी सरिता को मिला इंसाफ,पति को हुई जेल।


• पति को मिली 7 वर्ष का कारावास और तीन हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद।

• जेल में बितायी अवधि सजा में होगी समाहित
• 14 वर्ष पूर्व दहेज की मांग पूरी नहीं हुई तो भाई ने जान मारने का लगाया गया था आरोप

Sonbhadra News: राजेश पाठक/जितेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी

सोनभद्र। 14 वर्ष पूर्व दहेज प्रताड़ना के चलते हुई सरिता हत्याकांड के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी/ सीएडब्लू, सोनभद्र अर्चना रानी की अदालत ने बुधवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी पति मुकुन्दलाल उर्फ बबुन्दर को 7 वर्ष की कैद व तीन हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। दोषी पति को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया गया।

यहां समझे पूरा मामला

अभियोजन पक्ष के मुताबिक मृतका का भाई अमरेश सिंह निवासी ग्राम देवरी, थाना रॉबर्ट्सगंज, जिला सोनभद्र ने घोरावल थाने में 15 नवंबर 2010 को दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसने अपनी बहन सरिता की शादी करीब 6 वर्ष पूर्व मुकुन्दलाल उर्फ बबुन्दर पुत्र सुदामा निवासी ग्राम बेलखुरी, थाना घोरावल, जिला सोनभद्र के साथ हिंदू रीति रिवाज से किया था। शादी में अपने सामर्थ्य के अनुसार उपहार स्वरूप सामान दिया था। बावजूद इसके दहेज की मांग को लेकर उसकी बहन सरिता को मुकुन्दलाल उर्फ बबुन्दर शुरू से ही मारपीट कर प्रताड़ित करता था। जब भी सरिता मायके आती थी तो सारी बात सबको बताती थी। कई बार रिश्तेदारों के सामने पंचायत भी हुई, जिसमें कहा जाता था कि अब प्रताड़ित नहीं करेंगे।। लेकिन पुनः वहीं रवैया अपनाया जाता रहा। 5 नवंबर 2010 को दीपावली के दिन सूचना पर अन्य लोगों के साथ अस्पताल पहुंचा तो बहन सरिता मृत हाल में पड़ी थी। उसे पूर्ण विश्वास है कि दहेज की मांग पूरी नहीं हुई तो मुकुन्दलाल उर्फ बबुन्दर ने उसकी बहन सरिता को मार डाला है। रिपोर्ट दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई करें। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था।

मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, 9 गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी मुकुन्दलाल उर्फ बबुन्दर को 7 वर्ष की कैद व तीन हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी। इस संदर्भ में सरकारी वकील सत्यप्रकाश त्रिपाठी का कहना है कि बिसरा रिपोर्ट में सरिता की मौत विष के सेवन से हुई बताया गया है। अभियुक्त मुकुन्दलाल उर्फ बबुन्दर को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

For More Updates Follow Us On

For More Updates Follow Us On