Sonbhadra News/Report: अनिल कुमार अग्रहरि
सोनभद्र। गोवा की आज़ादी का जश्न मनाने पत्रकारगण विजय शंकर चतुर्वेदी और सनोज तिवारी गोवा रवाना हो गए हैं, जहां वे गोवा सरकार व विभिन्न संस्थाओं द्वारा आयोजित कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे, उल्लेखनीय है कि देश की आज़ादी के 14 वर्षों बाद 19 दिसंबर 1961 को गोवा को पूर्ण आज़ादी मिली थी।
गोवा मुक्ति दिवस कार्यक्रम में भाग लेने के पश्चात पत्रकारगण 20 दिसंबर को गोवा के मुख्यमंत्री से भी शिष्टाचार भेंट करेंगे। पोंडा स्थित पीसफुल सोसाइटी के गोवा मुक्ति दिवस के कार्यक्रमों में भाग लेने के पश्चात वे विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी भाग लेंगे।
वरिष्ठ पत्रकार विजय शंकर चतुर्वेदी ने बताया कि वर्ष 1498 में वास्को डी गामा गोवा के रास्ते भारत पहुंचा था, इसी मार्ग का लाभ उठाते हुए वर्ष 1505 में पुर्तगालियों ने गोवा पर कुदृष्टि डालना प्रारंभ कर दी थी, पुर्तगालियों और अंग्रेजों के आतंक और कब्जे से गोवा 19 दिसंबर 1961 को स्वतंत्र हुआ, भारत सरकार ने 19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस की घोषणा की , 20 दिसंबर को गोवा में चुनाव हुए और दयानंद भंडारकर गोवा के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री हुए।
1967 में हुए जनमत संग्रह में गोवा के लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश के रूप में रहना स्वीकार किया, इस तरह 30 मई 1987 को गोवा को भारत के 26 वें राज्य के रूप में मान्यता दी गई। वहीं सनोज तिवारी ने कहा कि गोवा पर पुर्तगालियों ने 451 साल तक शासन किया था। भारत की आजादी के 14 साल बाद 19 दिसंबर 1961 को गोवा को आजादी मिली थी। साल 1961 में भारतीय सेना ने गोवा को पुर्तगालियों के कब्जे से छुड़ाया था। जब साल 1940 में भारत में सत्याग्रह चल रहा था तो उस समय गोवा के कुछ नागरिकों ने भी उसमें भाग लिया था। इसी दिन भारत यूरोपीय शासन से पूरी तरह से आज़ाद हुआ था।
उसी समय से 19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है।