- कोर्ट ने कर्तव्यों की जानबूझकर उपेक्षा करने वाले रायपुर थानाध्यक्ष के विरुद्ध डीएम, एसपी को विभागीय कार्रवाई का दिया निर्देश।
- घर में घुसकर दलित महिला को कट्टा दिखाकर भांग दुकानदार द्वारा जबरन दुष्कर्म किए जाने और शिकायत करने पर हत्या की धमकी दिए जाने का मामला।
सोनभद्र / सोन प्रभात – राजेश पाठक / वेदव्यास सिंह मौर्य
सोनभद्र। करीब डेढ़ माह पूर्व एक दलित महिला के घर में घुसकर भांग दुकानदार द्वारा कट्टा दिखाकर जबरन दुष्कर्म करने एवं शिकायत करने पर हत्या की धमकी दिए जाने के मामले में विशेष न्यायाधीश एससी/ एसटी एक्ट सोनभद्र एहसानुल्लाह खान की अदालत ने सुनवाई करते हुए प्रथम दृष्टया गंभीर अपराध मानते हुए रायपुर थानाध्यक्ष को अविलंब एफआईआर दर्ज कर न्यायालय के समक्ष रिपोर्ट की प्रति प्रेषित करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने अपने कर्तव्यों की जानबूझकर उपेक्षा करने वाले रायपुर थानाध्यक्ष के विरुद्ध डीएम, एसपी को आदेश की प्रति भेजकर विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने उक्त आदेश रायपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की दलित महिला द्वारा अधिवक्ता अरुण कुमार सिंघल के जरिए दाखिल धारा 156(3)सीआरपीसी के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिया है।
घर में छोटे छोटे बच्चों के साथ रहती थी दलित महिला, कट्टा दिखाकर किया जबरन दुष्कर्म।
बता दें कि दलित महिला ने दिए प्रार्थना पत्र में अवगत कराया है कि वह अनुसूचित जाति की महिला है। उसका पति सूरत में रहकर मजदूरी का काम करते हैं। वह घर में छोटे -छोटे बच्चों के साथ रहती है। 12 जुलाई 2023 को समय करीब रात्रि 9 बजे जब वह खाना बना रही थी और बिजली भी जल रही थी तभी एक आदमी आया और उसके पति का नाम लेकर बुलाने लगा। जब उससे पूछा कि आप कौन हैं तो उसने बताया कि मेरा नाम अशोक है तथा उसकी बैनी में भांग की दुकान है। जरूरी काम था कहते हुए घर में घुस गया और उसके साथ जबरन छेड़छाड़ करने लगा। कपड़ा भी फाड़ दिया और कट्टा दिखाकर जबरन दुष्कर्म किया तथा चिल्लाने पर हत्या करने की धमकी दी। चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर सास के साथ ही गांव घर के तमाम लोग आ गए। मौके से दुकानदार अशोक पुत्र रामदेव निवासी हरनाही, विरधी, थाना राबर्ट्सगंज, जिला सोनभद्र को पकड़ लिया और पुलिस को सूचना दिया तो पुलिस मौके पर आई जरूर, लेकिन सिर्फ कार्रवाई का आश्वासन देकर चली गई, किंतु कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसकी वजह से दुकानदार अशोक मोबाइल पर फोन करके बार -बार धमकी दे रहा है कि शिकायत करोगी तो हत्या करवा देंगे।
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थाने पर जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो 28 जुलाई को एसपी को रजिस्टर्ड डाक से सूचना दिया, किंतु वहां से भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस मामले में कोर्ट ने थाने से एफआईआर दर्ज है कि नहीं के बाबत रायपुर थानाध्यक्ष से रिपोर्ट तलब किया था। जिसपर थाने से 11 अगस्त को दी गई आख्या में अवगत कराया गया कि दुकानदार के विरुद्ध कोई मुकदमा दर्ज नहीं है।
मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने अधिवक्ता अरुण कुमार सिंघल के तर्कों को सुनने एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर प्रथम दृष्टया गंभीर प्रकृति का अपराध मानते हुए रायपुर थानाध्यक्ष को अविलंब एफआईआर दर्ज कर न्यायालय के समक्ष रिपोर्ट प्रेषित करने का आदेश दिया है। वहीं संज्ञेय अपराध की सूचना के उपरांत भी एफआईआर दर्ज न करके अपने कर्तव्यों की जानबूझकर उपेक्षा करने वाले रायपुर थानाध्यक्ष के विरुद्ध डीएम, एसपी को आदेश की प्रति भेजकर विभागीय कार्रवाई का निर्देश दिया है।
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