Sonbhadra News | Sonprabhat |Sanjay Singh
– अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद
– ससुर की मौत, देवर साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त
सोनभद्र : दहेज में 50 हजार रुपये नकद और सोने की चेन की मांग पूरी न होने पर पत्नी की हत्या करने के दोषी पति बालेश्वर को अदालत ने आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही, 21 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, जिसे न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी/सीएडब्ल्यू, सोनभद्र अर्चना रानी की अदालत ने सुनाया।

मामले का विवरण
घटना 26 सितंबर 2014 की है। मृतका गुड्डी के पिता शिवशंकर विश्वकर्मा (निवासी नरोखर, थाना रामपुर बरकोनिया, सोनभद्र) ने कोर्ट में धारा 156(3) सीआरपीसी के तहत आवेदन दिया, जिसके आधार पर 2 मई 2015 को एफआईआर दर्ज की गई।
शादी के बाद से ही दहेज में 50 हजार रुपये नकद और सोने की चेन की मांग को लेकर गुड्डी को प्रताड़ित किया जाता था। इस प्रताड़ना में गुड्डी का पति बालेश्वर, ससुर रामसागर और देवर सुभाष शामिल थे। पिता को सूचना मिली कि गुड्डी की मृत्यु हो गई है। जब वे बेटी के ससुराल पहुंचे, तो उसका शव पड़ा मिला।
पुलिस जांच और न्यायालय का निर्णय
पुलिस ने मामले की गहन विवेचना कर पर्याप्त साक्ष्य जुटाए, जिसके आधार पर चार्जशीट दाखिल की गई। अदालत में सुनवाई के दौरान, अधिवक्ताओं के तर्कों, गवाहों के बयानों और पत्रावली के अवलोकन के बाद, पति बालेश्वर को दोषी करार दिया गया।
- बालेश्वर को आजीवन कठोर कारावास और 21 हजार रुपये का अर्थदंड
- जुर्माना न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद
- जेल में बिताई गई अवधि को सजा में समाहित किया गया
- ससुर रामसागर की मौत हो चुकी है, जबकि देवर सुभाष को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया
सरकारी वकील की दलील
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने पैरवी की और दोषी को कड़ी सजा दिलाने में सफलता प्राप्त की।
न्यायिक फैसले पर प्रतिक्रिया
इस फैसले को महिलाओं के प्रति अपराधों पर कठोर कार्रवाई की मिसाल के रूप में देखा जा रहा है। दहेज हत्या के मामलों में न्याय की दिशा में यह एक अहम कदम माना जा रहा है।

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