July 20, 2025 4:14 AM

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Sonbhadra News : दीपक जायसवाल हत्याकांड: चार दोषियों को उम्रकैद, 27-27 हजार रुपये जुर्माना

– अर्थदंड न देने पर 3-3 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी
– जेल में बिताई गई अवधि सजा में होगी समाहित

Sonbhadra News l Rajesh Pathak l Sonprabhat News

सोनभद्र। 15 साल पुराने दीपक जायसवाल हत्याकांड मामले में मंगलवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम जीतेंद्र कुमार द्विवेदी की अदालत ने चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने संतोष कुमार, राकेश कुमार उर्फ आजाद, जैनेन्द्र प्रजापति उर्फ पप्पू और रतन पासवान को दोषी करार देते हुए प्रत्येक पर 27-27 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। जुर्माना न देने पर दोषियों को अतिरिक्त 3-3 माह की सजा भुगतनी होगी। साथ ही, जेल में बिताई गई अवधि को सजा में समाहित किया जाएगा।

क्या था मामला?

मामला 17 अगस्त 2009 का है, जब नई बस्ती, थाना रॉबर्ट्सगंज निवासी अमरचंद्र जायसवाल के बेटे दीपक जायसवाल की हत्या कर दी गई थी। दीपक चोपन बाजार में तकादा (उधारी वसूली) का काम करता था। घटना के दिन वह डाला बाजार में तकादा के लिए गया था, लेकिन वापस नहीं लौटा। परिजनों ने उसकी हर संभव जगह तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। अगले दिन 18 अगस्त को डाला चौकी में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई।

20 अगस्त 2009 को पुलिस ने दीपक जायसवाल का शव दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के रजखड़ में बरामद किया। प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट था कि हत्या कर शव को वहां फेंका गया था। मामले की जांच के दौरान पुलिस ने हत्या में शामिल चार आरोपियों को चिह्नित किया।

चार्जशीट में हुए थे नाम उजागर

जांच के दौरान पुलिस के हाथ चार संदिग्धों के नाम लगे—

  1. संतोष कुमार, पुत्र राजेंद्र कुशवाहा, निवासी नैटोलिया (कोटा)
  2. राकेश कुमार उर्फ आजाद, पुत्र रामनाथ शाह, निवासी डाला
  3. जैनेन्द्र प्रजापति उर्फ पप्पू, पुत्र अर्जुन, निवासी डाला
  4. रतन पासवान, पुत्र जगरनाथ, निवासी डाला, थाना चोपन

प्रशासन को इनके खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले, जिसके बाद अदालत में चार्जशीट दाखिल की गई।

अदालत ने सुनाई सजा

मंगलवार को अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलें सुनीं। गवाहों के बयान और पत्रावली के अवलोकन के आधार पर न्यायालय ने चारों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई।

सरकारी वकील विनोद कुमार पाठक ने अभियोजन पक्ष की ओर से बहस करते हुए दोषियों के खिलाफ ठोस साक्ष्य प्रस्तुत किए। अदालत ने अभियोजन पक्ष की दलीलों को स्वीकार करते हुए चारों आरोपियों को हत्या का दोषी मानते हुए उन्हें कठोर दंड दिया।

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