Sonbhadra News | संवाददाता – राजेश पाठक/ आशीष गुप्ता
सोनभद्र। जिले की अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) अमित वीर सिंह की अदालत ने 5.5 वर्ष पुराने नाबालिग छात्रा के अपहरण के मामले में दोषी अजय कुमार उर्फ गोल्डी को 7 वर्ष की कठोर कारावास एवं 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद
कोर्ट के आदेशानुसार, यदि दोषी द्वारा अर्थदंड अदा नहीं किया जाता है, तो उसे एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। साथ ही, जेल में बिताई गई अवधि को सजा में समाहित किया जाएगा।
पीड़िता को मिलेगा मुआवजा
अदालत ने यह भी आदेश दिया कि 20 हजार रुपये के जुर्माने में से 15 हजार रुपये की धनराशि पीड़िता को दी जाए। यह राहत पीड़िता के पुनर्वास और न्याय के हित में दी गई है।
2019 में दर्ज हुआ था मुकदमा
18 अक्टूबर 2019 को शक्तिनगर थाना क्षेत्र के एक निवासी ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी 15 वर्षीय नाबालिग बेटी 17 अक्टूबर को दोपहर 3:50 बजे ट्यूशन के लिए निकली थी, लेकिन वह घर वापस नहीं लौटी।

ट्यूशन शिक्षक से पूछताछ पर पता चला कि छात्रा ट्यूशन पढ़ने पहुंची ही नहीं थी। बाद में स्थानीय युवक अजय उर्फ गोल्डी पर बेटी को बहला-फुसलाकर भगाने का संदेह जताया गया।
चार लोगों पर दर्ज हुआ था मुकदमा
पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर विवेचना शुरू की और पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर अजय सहित चार आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की। 29 मई को इस मामले के दो दोषियों को सजा सुनाई जा चुकी है। इन्हें न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है।
गैरहाजिर रहने पर जारी हुआ था गैर-जमानती वारंट
दोषी अजय कुमार उर्फ गोल्डी को पहले ही दोषी ठहराया गया था, लेकिन कोर्ट के समक्ष पेश न होने के कारण उसके विरुद्ध गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था।
अभियोजन पक्ष की भूमिका
अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरि, सत्यप्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने अदालत में प्रभावी ढंग से बहस प्रस्तुत की। गवाहों के बयान, दस्तावेजी साक्ष्य और पत्रावली का अवलोकन करते हुए न्यायालय ने दोषी को सजा सुनाई।

Son Prabhat Live News focuses on UP News and local developments, highlighting the district’s rich culture, dynamic communities, and pressing issues. Our dedicated team of reporters and editors brings exclusive reports, insightful analyses, and unbiased perspectives to empower readers with the knowledge they need.

