July 26, 2025 6:00 AM

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Sonbhadra News : प्रशासनिक लापरवाही की भेंट चढ़ रही राज्य स्तरीय कबड्डी टीम, खिलाड़ियों का भविष्य संकट में

Sonbhadra News : प्रशासनिक लापरवाही और शिक्षा विभाग की खींचतान के कारण राज्य स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता की तैयारियां अधर में, कोच के तबादले से निराश खिलाड़ी, अभिभावकों में आक्रोश

Sonbhadra News l Sonprabhat l Vinod Gupta

बीजपुर, सोनभद्र : 18 मार्च को कानपुर में आयोजित होने वाली राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए कंपोजिट विद्यालय बीजपुर की कबड्डी टीम पूरी तरह तैयारियों में जुटी होनी चाहिए थी, लेकिन प्रशासनिक खींचतान और शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते उनकी मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है। टीम के खिलाड़ी अपने कोच के बिना प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे हैं, जिससे प्रतियोगिता में उनके प्रदर्शन को लेकर गंभीर आशंकाएं खड़ी हो गई हैं।

कोच के बिना अधूरी रह गई तैयारियां

राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए अब सिर्फ 10 दिन का समय बचा है, लेकिन बीजपुर की कबड्डी टीम बिना कोच के अभ्यास करने को मजबूर है। जानकारी के अनुसार, कंपोजिट विद्यालय बीजपुर की यह टीम 18 मार्च को कानपुर में होने वाली राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाली है। लेकिन इसी बीच, एबीएसए म्योरपुर द्वारा खेल शिक्षक विमलेश यादव का तबादला कंपोजिट विद्यालय नेमना कर दिया गया, जिससे खिलाड़ियों की तैयारी अधर में लटक गई है।

कोच के स्थानांतरण के चलते टीम के खिलाड़ियों में निराशा और हताशा का माहौल है। नियमित अभ्यास न होने से उनकी जीत की संभावनाएं भी धूमिल होती दिख रही हैं।

शिक्षा व्यवस्था चरमराई, खिलाड़ियों के भविष्य से खिलवाड़

गौरतलब है कि एबीएसए द्वारा केवल खेल शिक्षक ही नहीं, बल्कि तीन अन्य शिक्षकों को भी स्थानांतरित कर दिया गया, जिससे बीजपुर कंपोजिट विद्यालय में करीब 300 छात्रों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। वर्तमान में यह विद्यालय महज दो शिक्षकों के सहारे किसी तरह संचालित किया जा रहा है।

छात्रों और अभिभावकों का कहना है कि राज्य स्तरीय प्रतियोगिता जैसी महत्वपूर्ण खेल प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले बच्चों की तैयारी से खिलवाड़ करना उनके भविष्य के साथ अन्याय है। शिक्षा विभाग इस मामले को गंभीरता से लेने के बजाय राजनीतिक जोड़-तोड़ में व्यस्त नजर आ रहा है।

प्रशासनिक अधिकारियों की चुप्पी, अभिभावकों में आक्रोश

बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किए जाने पर अभिभावकों ने आक्रोश जताया है और खेल शिक्षक को तत्काल वापस भेजने की मांग की है। इस संबंध में जब बीएसए मुकुल आनंद पांडेय से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।

क्या शिक्षा विभाग करेगा जल्द हस्तक्षेप?

अब देखने वाली बात होगी कि शिक्षा विभाग इस गंभीर मामले को कितनी गंभीरता से लेता है। क्या छात्रों को उचित प्रशिक्षण और सुविधाएं मिलेंगी या उनकी मेहनत प्रशासनिक लापरवाही की भेंट चढ़ जाएगी? यह सवाल अब खेल प्रेमियों और अभिभावकों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।

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