बीते शनिवार को ईलाज के दौरान मासूम छात्र की मौत हो गई है बीएसए ने प्रधान पर कायाकल्प की बात कहा है।
सोनभद्र – सोन प्रभात / न्यूज डेस्क
(Sonbhadra News) प्रधान की लापरवाही ने एक सात वर्षीय मासूम के जीवन की डोर तोड़ दी। उक्त आरोप मीडिया के सामने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सोनभद्र ने लगाया। जानकारी के मुताबिक विकास खण्ड दुद्धी के पगडेवा प्राथमिक विद्यालय में शुक्रवार को एक दर्दनाक हादसा सामने आया। बीते शुक्रवार को मध्यान्ह अवकाश के दौरान एक दर्जन बच्चे स्कूल परिसर के गेट के पास खेल रहे थे। कुछ बच्चे बाल सुलभ स्वभाव के चलते गेट पकड़कर झूलने लगे। गेट का पिलर पहले से ही जर्जर था। दूर से देखने पर ही उसकी स्थिति हम्प्टी डम्पटी जैसा नज़र आ रहा था। इसका कारण प्रधान द्वारा कायाकल्प का काम कराया जाना बताया जा रहा है।
जिसे आधा अधूरा छोड़ दिया गया था। उस वक्त मासूम बच्चों को रोकने और समझाने वाला वहां कोई नहीं था। बच्चों द्वारा गेट पकड़कर झूलने के कारण पहले से ही जर्जर होने के कारण गेट पिलर सहित ज़मींदोज़ हो गया। जिसमें दबने के कारण एक सात वर्षीय छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया। वहीं चार पांच बच्चों को मामूली चोटें लगी। गम्भीररूप से घायल बच्चे को परिजन लेकर सीएचसी पहुंचे। जहां हालत चिंताजनक होने पर परिजन बच्चे को लेकर वाराणसी भागे। बीते शनिवार को ईलाज के दौरान मासूम छात्र की मौत हो गई।
इस घटना से अभिभावकों में आक्रोश व्याप्त है। मृतक छात्र के परिजनों का कहना है कि जिस वक्त बच्चे गेट के निकट खेल रहे थे, स्कूल परिसर में कोई ज़िम्मेदार शिक्षक मौजूद नहीं था। अगर कोई होता तो शायद मासूम छात्र की यूं ही दर्दनाक मौत न होती। इस पर बीएसए का कहना है कि तक़रीबन तीन बजे के करीब नेट कनेक्शन के लिए टीचर पास की पहाड़ी पर चढ़े थे, तभी ये घटना घट गई। वहीं अगस्त में प्रधान ने काम लगाया था, परन्तु गेट के पिलर और बाउंड्री वाल का प्लास्टर तोड़कर गेट पिलर को जर्जर कर छोड़ दिया गया था। आधा अधूरा कार्य कर बच्चों के जीवन से प्रधान द्वारा क्यों खिलवाड़ किया गया, यह बात समझ से परे है।
प्रधान पर यह गम्भीर आरोप बीएसए ने लगाया है। आखिर स्कूल के गेट पिलर को प्रधान द्वारा नुकसान पहुंचाकर छोड़ दिया गया तो इस पर सम्बन्धित टीचर ने क्यों कोई एक्शन नहीं लिया। इन नकारो और निष्ठुरों की लापरवाही से मासूम छात्र की मौत की मौत को सिस्टम द्वारा मर्डर के रूप में देखा जाये या लापरवाही से हुए हादसे के रूप में। बीएसए द्वारा इस घटना पर दिए बयान से साफ ज़ाहिर होता है कि प्रधान द्वारा मौत का फंदा बनाया गया था। जिसमें फंसकर सात वर्षीय मासूम श्लोक पटेल पुत्र सुरेंद्र पटेल की ह्रदयविदारक मौत से समाज का दिल दहल गया। दिलदहला देने वाली इस घटना को जिसने भी सुना हतप्रभ हो गया।
समय की शिला पर खड़ी जनता सोंच रही है कि प्रधान द्वारा मौत का फंदा क्यों बनाया गया था। ये सभी जानते हैं कि कोई भी बच्चा हो गेट देखकर उस पर लटककर झूलने की जिद करने लगता है। बच्चों को गेट पकड़कर झूलने में बहुत मज़ा आता है। ऐसे में प्राथमिक विद्यालय के गेट पिलर पर हतोड़ा चलाकर उसे जर्जर कर क्यों छोड़ दिया गया था। अबोध मासूम छात्रों में इतनी समझ कहाँ होती है कि वह खतरों को भांप सकें। मासूम छात्रों का कहना है कि बराबर वह विद्यालय गेट पर झूलते थे। जर्जर गेट पिलर को देखकर टीचर ने बच्चों को गेट पर झूलने से मना क्यों नहीं किया। बच्चों को खतरे में छोड़कर नेटवर्क के लिए पहाड़ी पर चढ़ना क्या बच्चों के जीवन से ज़्यादा ज़रूरी था। अगर गहनता से मासूम छात्र की मौत की जांच की जाये तो दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा।
तभी जाकर पता चलेगा कि मासूम छात्र की मौत हादसा है या सिस्टम द्वारा की गई हत्या। फ़िलहाल प्रधानाध्यापक को लापरवाही के लिए सस्पेंड एवं प्रधान के ख़िलाफ़ जांच बैठाकर मामले को निपटा दिया गया। सोनभद्र जनपद में फिलहाल दर्जनों ऐसे जीर्ण शीर्ण विद्यालय हैं, जिनका कायाकल्प नितांत आवश्यक है, वरना इससे भी गम्भीर हादसे की सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
Ashish Gupta is an Indian independent journalist. He has been continuously bringing issues of public interest to light with his writing skills and video news reporting. Hailing from Sonbhadra district, he is a famous name in journalism of Sonbhadra district.