April 19, 2025 2:13 AM

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Sonbhadra News : भुगतान नहीं मिलने से पंप ऑपरेटर भुखमरी के कगार पर, तीन साल से कर रहे सेवा

ग्राम पंचायत महुली, दुद्धी का मामला, शिकायतों के बाद भी नहीं हुई कार्यवाही

Sonbhadra News | बाबू लाल शर्मा

दुद्धी, सोनभद्र : विकास खंड दुद्धी अंतर्गत ग्राम पंचायत महुली में जल निगम द्वारा बनाई गई पानी की टंकी में कार्यरत पंप ऑपरेटर जय नारायण गुप्ता बीते तीन वर्षों से बिना वेतन के सेवा दे रहे हैं। 2 अप्रैल 2022 से संविदा पर कार्यरत जय नारायण को ग्राम प्रधान द्वारा लिखित नियुक्ति पत्र दिया गया था, लेकिन अब तक उन्हें केवल ₹25,000 की ही आंशिक धनराशि मिली है।

तीन वर्षों से सेवा में, वेतन मात्र ₹25,000
जय नारायण गुप्ता ने बताया कि उन्हें अब तक केवल ₹20,000 ग्राम प्रधान और ₹5,000 एडीओ पंचायत द्वारा दिया गया है। इसके अलावा किसी प्रकार का कोई वेतन या मानदेय नहीं मिला है। परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी दयनीय हो चुकी है कि बच्चों की पढ़ाई भी रुक गई है, और अब वे भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं।

ग्राम प्रधान से मिली निराशा, अधिकारियों से भी नहीं मिली मदद
जय नारायण का कहना है कि जब वे ग्राम प्रधान से वेतन की बात करते हैं तो उन्हें साफ मना कर दिया जाता है। उन्होंने तहसील दिवस से लेकर जिला स्तर तक कई अधिकारियों को प्रार्थना पत्र सौंपे, लेकिन कहीं से भी अब तक ठोस कार्यवाही नहीं हो सकी।

“मानदेय न मिलने की स्थिति में अनहोनी के लिए होंगे जिम्मेदार”
पंप ऑपरेटर ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र भुगतान नहीं किया गया तो किसी भी अनहोनी की स्थिति में ग्राम प्रधान और संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे। उनका कहना है कि उन्हें मजबूरी में बिना वेतन के कार्य करना पड़ रहा है, केवल इस आशा में कि शायद कभी भुगतान मिल जाए।

ग्राम प्रधान का बयान – “मैंने मानदेय देने की बात नहीं कही”
इस संबंध में जब ग्राम प्रधान महुली अरविंद जयसवाल से संपर्क किया गया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी मानदेय देने का आश्वासन नहीं दिया। उनका कहना है कि ग्राम सभा की बैठक में तय हुआ था कि पंप ऑपरेटर स्वयं कनेक्शन धारकों से शुल्क लेकर अपना खर्च वहन करेंगे।

प्रशासन की चुप्पी, व्यवस्था पर उठते सवाल
तीन वर्षों तक कार्य करने के बावजूद किसी भी स्तर से पंप ऑपरेटर को न्याय नहीं मिलना ग्रामीण प्रशासन की संवेदनहीनता और अव्यवस्था को उजागर करता है। यह मामला न केवल एक व्यक्ति की आर्थिक स्थिति का प्रश्न है, बल्कि सरकारी कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।

ग्रामीणों की मांग – हो उच्चस्तरीय जांच और भुगतान सुनिश्चित
ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि इस मामले में उच्चस्तरीय जांच हो और जय नारायण गुप्ता को तुरंत लंबित वेतन दिया जाए, ताकि वह और उनका परिवार सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।

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