• सीमा तनाव के बीच प्रदेशभर में अलर्ट, सोनभद्र में बड़ी रणनीतिक तैयारी
Sonbhadra News | Sonprabhat Digital Desk
सोनभद्र। देश की सीमाओं पर बढ़ते तनाव के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी जिलों में मॉक ड्रिल आयोजित करने का आदेश जारी किया है। इस क्रम में सोनभद्र जिले में 8 मई को सुबह 9 बजे से मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी, जिसमें आपातकाल जैसी परिस्थितियों से निपटने की संपूर्ण तैयारियों को परखा जाएगा।

यह मॉक ड्रिल केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक रणनीतिक अभ्यास है जिसमें प्रशासनिक, सुरक्षा, चिकित्सा, शिक्षा और अन्य सभी महत्वपूर्ण विभागों की भागीदारी रहेगी।
पुलिस लाइन में हुई हाई-लेवल मीटिंग: डीएम और एसपी ने दी निर्देशों की ब्रीफिंग
मॉक ड्रिल से पूर्व पुलिस लाइन में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी श्री बद्रीनाथ सिंह और पुलिस अधीक्षक श्री अशोक कुमार मीणा ने की। इस बैठक में जिले के सभी विभागाध्यक्षों को निम्नलिखित दिशा-निर्देश दिए गए:
- सभी विभाग आपसी समन्वय बनाए रखें
- ग्राम स्तर तक सूचना का संप्रेषण सुनिश्चित करें
- आपातकालीन रिस्पॉन्स यूनिट्स को सक्रिय मोड में रखें
- मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूकता फैलाएं
- मॉक ड्रिल को ‘रियल-टाइम सिचुएशन’ मानकर अभ्यास करें

मॉक ड्रिल में क्या-क्या होगा? – हर स्तर पर अभ्यास का ब्लूप्रिंट तैयार
1. ब्लैकआउट प्लान:
चुनिंदा क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति रोककर यह देखा जाएगा कि अंधेरे में सुरक्षा बल कैसे कार्य करते हैं और क्या आवश्यक सेवाएं सुचारु रूप से कार्य कर रही हैं।
2. यातायात नियंत्रण:
कुछ मुख्य सड़कों और चौराहों पर ट्रैफिक अस्थायी रूप से रोका जाएगा ताकि यह परीक्षण किया जा सके कि आपात स्थिति में मेडिकल और सुरक्षा टीमों को कैसे रास्ता दिया जाएगा।
3. लाउडस्पीकर अलर्ट सिस्टम:
मंदिरों, मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थलों के लाउडस्पीकरों का उपयोग सायरन और अलर्ट मैसेज प्रसारित करने में किया जाएगा।
4. ग्रामीण क्षेत्र में सूचना प्रेषण:
राजस्व विभाग, पंचायत कर्मियों, और आशा वर्कर्स की मदद से ग्रामीण क्षेत्र में अलर्ट और बचाव सूचना पहुंचाई जाएगी।

5. औद्योगिक संस्थानों की सुरक्षा:
सोनभद्र का औद्योगिक परिदृश्य बेहद संवेदनशील है। इस मॉक ड्रिल में ओबरा, अनपरा, हिंडाल्को, एनटीपीसी जैसे उद्योगों की सुरक्षा तैयारियों को भी जांचा जाएगा।
सीआरपीएफ, मेडिकल, पंचायती राज और शिक्षा विभाग की भूमिकाएं
सीआरपीएफ और पुलिस बल:
गश्त, सुरक्षा घेरा, और सघन तलाशी अभियान की प्रक्रिया का अभ्यास करेंगे।
चिकित्सा विभाग:
फील्ड में तैनात एंबुलेंस, डॉक्टरों की टीमें, प्राथमिक चिकित्सा शिविर, और आपात रेस्पॉन्स सिस्टम सक्रिय रहेंगे। फर्जी घायल व्यक्तियों को मौके पर उपचार देने का अभ्यास किया जाएगा।
शिक्षा विभाग:
विद्यालयों में बच्चों को आपदा के समय बाहर निकालने की प्रक्रिया, शिक्षकों की जिम्मेदारियां और सुरक्षित स्थानों की पहचान जैसे अभ्यास होंगे।
पंचायती राज विभाग:
ग्राम स्तर पर सरपंचों, ग्राम सचिवों और ग्राम प्रहरियों को अलर्ट करने की योजना तैयार की गई है। ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए फ्लैग मार्च और जनसंवाद आयोजित किए जाएंगे।
जनता से प्रशासन की अपील: घबराएं नहीं, सहयोग करें
डीएम श्री बद्रीनाथ सिंह ने जनता से स्पष्ट रूप से कहा कि मॉक ड्रिल किसी प्रकार का पैनिक फैलाने के लिए नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करने का प्रयास है कि अगर कभी वास्तविक आपातकाल उत्पन्न हो, तो हम सभी मानसिक और व्यवस्थागत रूप से तैयार रहें।
उन्होंने कहा,
“हम चाहते हैं कि मॉक ड्रिल के दौरान अधिक से अधिक लोग उपस्थित रहें और स्वयं भी यह समझें कि आपातकाल के दौरान कैसे कार्य किया जाए। यह अभ्यास भविष्य की सुरक्षा का आधार है।”
मीडिया की भूमिका: जागरूकता का पुल
मीडिया को भी निर्देश दिए गए हैं कि वह मॉक ड्रिल को लेकर सकारात्मक भूमिका निभाए, लोगों को सही सूचना दे और अफवाहों से दूर रखे। मॉक ड्रिल के हर चरण की रिपोर्टिंग से प्रशासन को भी कमियों को समझने में मदद मिलेगी।
एक गंभीर, समन्वित और सतर्क पहल
सोनभद्र जिले की यह मॉक ड्रिल एक बहुस्तरीय अभ्यास है जिसमें सरकार, प्रशासन, सुरक्षा बल, औद्योगिक क्षेत्र, स्वास्थ्य विभाग और आम जनता सभी की भागीदारी है। यह केवल एक मॉक अभ्यास नहीं, बल्कि एक परीक्षण है कि हम किसी भी आपात परिस्थिति में कितना तैयार हैं।

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