December 24, 2024 1:46 AM

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Sonbhadra News । डूबते सूर्य को अर्ध्य के लिए, छठ घाटों पर उमड़ेगा आज जन सैलाब।

बाजारों में खरीदारों की भारी भीड़  दुकानदारों का लगा रेला 

Sonbhadra News/Report: जितेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी ब्यूरों चीफ सोनभद्र 

दुद्धी, सोनभद्र । भारतीय सनातन हिंदू परंपरा में धर्म का महात्मय हिंदू मतावलंबियों के लिए आस्था का मानों लहू बनकर रगों में संचार कर रही है। धर्म के बिना हिन्दू की कल्पना ही नहीं की जा सकती। आदि अनादि काल से सूर्य की उपासना व शिव की आराधना सहित प्रकृति की पूजा का विधान विभिन्न कॉल खण्डो में रहा है जिसकी पौराणिक एवं इतिहासकारों ने भी उल्लेख किया है।

ऐसे में हीं  सूर्य की उपासना का पावन महापर्व छठी मैया जो भगवान कार्तिकेय की पत्नी है को प्रसन्न करने के लिए कालांतर में लंका पर विजय प्राप्ति के उपरांत द्वापर युग में मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम एवं माता सीता ने सूर्य की उपासना गुरु वाल्मीकि के सुझाव पर अयोध्या के सुख शांति एवं समृद्धि के लिए व्रत रखा था, सूर्यपुत्र महान दानी कर्ण ने भी सूर्य की उपासना की थीं। पर्व पर श्रद्धांलू कठोर 36 घंटे का निर्जला व्रत इसमें रखते है जो चार दिनों तक चलता है पहले दिन ” नहाए खाए ” दूसरे दिन “खरना ” तीसरे दिन ” डूबते सूर्य को अर्ध्य ” और चौथी दिन ऊषा अर्ध्य अर्थात सुबह सूर्य देवता उदय के वक्त दिया जाता है।

प्राचीन शिवाजी तालाब पर जय बजरंग अखाड़ा समिति अध्यक्ष पंकज कुमार जायसवाल महामंत्री दीपक कुमार शाह व पूरी कमेटी व्रत धारी माता बहनों के लिए गाय का दूध, कुशियां, आम का पल्लव, आम की लकड़ी आदि पूजन सामग्री निःशुल्क भक्तों को उपलब्ध वर्षों से करते आ रहे हैं। व तालाब रोड को सुंदर झालरों व लाइट से सजाया गया है वहीं नगर पंचायत अध्यक्ष कमलेश मोहन अधिशासी अधिकारी भोला  कुशवाहा द्वारा घाटों व तालाबों की साफ सफाई सहित नगर की गली सड़कों को श्रम वीरों के आस्था समर्पण से स्वच्छता को लेकर युद्ध स्तर पर कार्य व्रत अनुष्ठान में लगे भक्तगणों के लिए स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराया है।

तो विभिन्न पूजा समितियां द्वारा आस्था में भक्तगणों के लिए नारियल, शकरकंद, शरीफा, अमरूद, सिंघाड़ा,गन्ना (ईख), बादाम महावर, डम्भा, केला सेव आदि सभी मौसमी फलों को भक्तों को दान किया जाता है भक्तगणों के रास्ते मैट बिछाए जाते हैं किसी भी प्रकार का आस्था के साथ खिलवाड़ महा पाप और महाविनाश का कारण माना जाता है और हो भी क्यों नहीं क्यों की भाव में साक्षात भगवान का वास होता है और 36 घंटे निर्जला उपवास के उपरांत व्रत धारी माताएं बहने देवी स्वरूप रहती है। रात भर घाटों पर दुर्गा जागरण स्वर्णकार समिति द्वारा आयोजित किया जाता है। पर्यटन का दर्जा प्राप्त कैलाश कुंज लव कुश पार्क  लौआ नदी तट पर मंदिर के प्रबंधक डॉक्टर लवकुश प्रजापति व ग्राम प्रधान सीता जायसवाल प्रतिनिधि निरंजन जायसवाल आदि जनप्रतिनिधियों द्वारा मंदिरों की साज सजावट के साथ भक्तों के लिए जमकर पसीना भया गया है।

इस बार का पर्व वर्षा अच्छी होने के कारण नदिया प्रवाहमान अर्थात नदियों में पर्याप्त पानी है। जिससे खूबसूरत नदी तट की घाटे लग रही है। हीरेश्वर महादेव मंदिर ग्राम बीडर पर मंदिर के प्रमुख रविंद्र कुमार जायसवाल एवं परिवारजन व सीतेश्वर महादेव मंदिर पर नगर अध्यक्ष कमलेश मोहन परिवारजन घाट की साज सज्जा राममनोहर नोरके, ग्राम प्रधान आदि द्वारा आस्था के साथ पलक पावडे बिछाए भक्तों के सत्कार के लिए पूर्ण रूप से तैयार है। नगर पंचायत स्वच्छता मिशन ब्रांड एंबेसडर जितेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी ने ग्रामवासी नगर वासियों से व्रत धारी माता बहनों के लिए स्वच्छता पर विशेष ध्यान देते हुए गालियों एवं सड़कों को स्वच्छ बनाने में सहयोग की अपील किया है।

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