March 12, 2025 11:04 AM

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Sonbhadra News : पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर अटेवा ने सांसद को सौंपा ज्ञापन

Sonbhadra News : शिक्षकों ने सरकार पर सामाजिक सुरक्षा खत्म करने और कर्मचारियों के भविष्य को असुरक्षित बनाने का आरोप लगाया।

Sonbhadra News l Sonprabhat l Sanjay Singh

चुर्क, सोनभद्र। पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली को लेकर अटेवा (अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ) सोनभद्र के शिक्षकों ने रविवार को रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सांसद छोटेलाल खरवार को ज्ञापन सौंपा। अटेवा जिलाध्यक्ष राजकुमार मौर्य के नेतृत्व में शिक्षकों ने सांसद से अनुरोध किया कि एनपीएस (नई पेंशन योजना) और यूपीएस (यूनिफाइड पेंशन स्कीम) को समाप्त कर पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल की जाए। शिक्षकों का कहना है कि वर्तमान पेंशन प्रणाली सामाजिक सुरक्षा के खिलाफ है और यह शिक्षकों एवं सरकारी कर्मचारियों के भविष्य के लिए घातक सिद्ध हो रही है।

एनपीएस और यूपीएस की विसंगतियों को बताया अन्यायपूर्ण

शिक्षकों ने बताया कि उत्तर प्रदेश के लगभग 15 लाख कर्मचारियों सहित देशभर के करीब एक करोड़ शिक्षक, कर्मचारी और अधिकारी इस पेंशन नीति से प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि नई पेंशन योजना (NPS) के तहत सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को 1200 रुपये से लेकर 4000 रुपये तक की अल्प पेंशन मिल रही है, जिससे जीवन यापन करना मुश्किल हो रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि यूपीएस के तहत कर्मचारियों के वेतन से कटौती की जा रही है, लेकिन सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें उनकी संचित राशि भी वापस नहीं दी जा रही है। इस पेंशन प्रणाली की कई विसंगतियों के कारण शिक्षक और कर्मचारी अपने स्वास्थ्य, परिवार और अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ हो रहे हैं।

अर्धसैनिक बलों को भी नहीं मिल रही सामाजिक सुरक्षा

अटेवा के पदाधिकारियों ने यह भी कहा कि अर्धसैनिक बलों के जवान, जो देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देते हैं, उन्हें भी पुरानी पेंशन से वंचित कर दिया गया है, जो कि बहुत ही अन्यायपूर्ण और दुर्भाग्यपूर्ण है। उनका मानना है कि देश की सुरक्षा में योगदान देने वाले सैनिकों को सामाजिक सुरक्षा से वंचित करना सरकार की विफलता को दर्शाता है।

सरकारी संस्थानों के निजीकरण का विरोध

अटेवा पदाधिकारियों ने सरकारी संस्थानों के लगातार हो रहे निजीकरण पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सरकारी संस्थाओं को निजी हाथों में सौंपने की बजाय राष्ट्रीयकरण की दिशा में कदम उठाना चाहिए, जिससे कर्मचारियों को उनके अधिकारों की सुरक्षा मिल सके।

सांसद ने दिया आश्वासन

ज्ञापन सौंपने के दौरान सांसद छोटेलाल खरवार ने शिक्षकों को आश्वासन दिया कि वे संसद में इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाएंगे और पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार को शिक्षकों और कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखना चाहिए और उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।

शिक्षकों ने पीएम को पत्र भेजने और चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करने की अपील की

अटेवा जिलाध्यक्ष राजकुमार मौर्य ने सांसद से अनुरोध किया कि प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पुरानी पेंशन बहाली की मांग की जाए और आगामी चुनावी घोषणा पत्र में इसे शामिल किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने इस मुद्दे को प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया पर व्यापक स्तर पर उठाने की अपील की।

सांसद को ज्ञापन सौंपते हुए

ज्ञापन सौंपने के दौरान ये शिक्षक रहे उपस्थित

ज्ञापन सौंपने के दौरान राजकुमार मौर्य (जिलाध्यक्ष, अटेवा), विनोद कुमार, अजय सिंह, रामगोपाल यादव, राजकिशोर यादव, विलियम, संजीव मौर्य, सुरेंद्र, राममूर्ति, उमा सिंह, उमाशंकर, रवि प्रकाश मौर्य, प्रेम सिंह पटेल, प्रभाशंकर मिश्रा, अरुण तिवारी, राधेश्याम पाल, बिहारी लाल गुप्ता, राजकुमार उपाध्याय, शैलेंद्र सिंह, गोपाल सिंह कुशवाहा सहित सैकड़ों शिक्षक उपस्थित रहे।

पुरानी पेंशन बहाली की लड़ाई जारी रखने का संकल्प

अटेवा ने स्पष्ट किया कि यदि पुरानी पेंशन बहाल नहीं की गई तो आगामी दिनों में बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की ताकि शिक्षकों, कर्मचारियों और अधिकारियों को एक स्थिर और सुरक्षित भविष्य मिल सके।

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