Sonbhadra News | संवाददाता – आशीष गुप्ता | सोन प्रभात न्यूज
सोनभद्र। करीब 12 साल पुराने बहुचर्चित विजय हत्याकांड में मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश/बाल न्यायालय सोनभद्र श्री अमित वीर सिंह की अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अदालत ने दोषी पाए गए बाल अपचारी शिवम उर्फ मुलायम को आजीवन कारावास और ₹15,000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड अदा न करने की स्थिति में उसे एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। साथ ही, अब तक जेल में बिताई गई अवधि को सजा में समाहित किए जाने का भी आदेश पारित किया गया।
क्या है मामला – जानिए पूरा घटनाक्रम
यह मामला बीजपुर थाना क्षेत्र के झीलो गांव से जुड़ा है। घटना की जानकारी 15 जुलाई 2013 को मृतक विजय के पिता पवन कुमार भारती पुत्र स्वर्गीय भूलन राम ने बीजपुर थाने में दी गई तहरीर के माध्यम से दी थी। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनके चार पुत्र हैं और उनके पड़ोसी संसारी लाल के भी चार बेटे हैं, जो महरीकला में रहते हैं।

दोनों परिवारों में आपसी रंजिश पहले से ही चली आ रही थी। तहरीर के अनुसार, 13 जुलाई 2012 को दोनों पक्षों में कहासुनी हुई थी, जिसके बाद संसारी लाल का पुत्र शिवम उर्फ मुलायम ने उनके बेटे विजय को जान से मारने की धमकी दी थी।
14 जुलाई को शिवम और विजय को साथ जाते हुए देखा गया था, जिसके बाद विजय घर नहीं लौटा। परिवार ने उसकी खोजबीन की लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। अंततः जब संसारी लाल के घर जाकर विजय के बारे में पूछताछ की गई, तो रवि, शिवम उर्फ मुलायम और मोहित बाबू ने पहले आनाकानी की। लेकिन कड़ाई से पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि विजय की हत्या कर दी गई है और उसका शव डैम में फेंक दिया गया है।
अभियोजन पक्ष की प्रभावी पैरवी
पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज कर गंभीर धाराओं में विवेचना शुरू की। पर्याप्त साक्ष्य एकत्र होने पर चार्जशीट दाखिल की गई और न्यायालय में सुनवाई प्रारंभ हुई।
इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकारी पक्ष की ओर से अभियोजक दिनेश कुमार अग्रहरि, सत्यप्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने प्रभावशाली ढंग से पक्ष रखा। दोनों पक्षों की दलीलें, गवाहों के बयान, प्रस्तुत साक्ष्य एवं पत्रावली का गहन अवलोकन करने के बाद न्यायालय ने शिवम उर्फ मुलायम को दोषसिद्ध पाया।
दो आरोपी दोषमुक्त
वहीं, रवि और मोहित बाबू को अदालत ने साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया। न्यायालय ने स्पष्ट रूप से यह कहा कि इन दोनों के विरुद्ध आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त एवं ठोस प्रमाण नहीं प्रस्तुत किए जा सके।
फैसले का महत्व
यह फैसला यह दर्शाता है कि न्याय में देरी हो सकती है, लेकिन न्याय से इंकार नहीं होता। यह केस वर्षों तक न्याय के गलियारों में चला लेकिन अंततः पीड़ित परिवार को न्याय मिला।
📌 मुख्य बिंदु संक्षेप में –
दोषी शिवम उर्फ मुलायम को आजीवन कारावास
₹15,000 का अर्थदंड, न देने पर 1 माह अतिरिक्त सजा
अब तक जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित
रवि व मोहित बाबू दोषमुक्त, साक्ष्य के अभाव में
सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरि, सत्यप्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने की प्रभावशाली पैरवी

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