April 18, 2025 7:06 PM

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Sonbhadra News : राजकीय शिक्षक संघ को मिली नई पहचान, अब राज्य कर्मचारी महासंघ से भी जुड़ा मूल संघ

Sonbhadra News : राजकीय शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश (मूल संघ) को मिली राज्य कर्मचारी महासंघ की औपचारिक मान्यता, अब AIFTO और राज्य महासंघ दोनों से जुड़ने वाला प्रदेश का पहला माध्यमिक शिक्षक संगठन बना; एसीपी, ओपीएस और पदोन्नति जैसे मुद्दों पर उठी शिक्षक हितों की आवाज, 20 मई को राष्ट्रव्यापी आंदोलन की तैयारी।

Sonbhadra News | बाबू लाल शर्मा

म्योरपुर, सोनभद्र : लखनऊ स्थित यूपी प्रेस क्लब में मंगलवार को आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ की ओर से राजकीय शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश (मूल संघ) को औपचारिक रूप से महासंघ से संलग्नता (अफिलिएशन) प्रदान कर दी गई। यह बैठक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल अग्रवाल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई, जिसमें राज्यभर से आए कई कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

इस मौके पर अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लाम्बा विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। बैठक में उत्तर प्रदेश फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल एसोसिएशंस, चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ, वर्क चार्ज डेली वेजेज श्रमिक महासंघ, कर्मचारी पेंशनर्स एसोसिएशन, प्राथमिक शिक्षक संघ समेत अन्य संगठनों के जिला, मंडल और प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।

अब दोहरे संगठन से जुड़ा एकमात्र शिक्षक संघ

इस बैठक में मिली मान्यता के साथ ही राजकीय शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश (मूल संघ) अब ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टीचर्स ऑर्गेनाइजेशन (AIFTO) और उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ – दोनों से सम्बद्ध होने वाला प्रदेश का एकमात्र राजकीय माध्यमिक शिक्षक संगठन बन गया है।

मूल संघ ने उठाई शिक्षकों के हक की आवाज

बैठक में मूल संघ की ओर से प्रदेश कार्यकारी महामंत्री अशोक कुमार अवाक और प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यम शिवम सुन्दरम विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस दौरान अशोक कुमार अवाक ने संबोधित करते हुए कहा कि—

  • राजकीय माध्यमिक शिक्षकों को अन्य राज्य कर्मचारियों की भांति एसीपी (एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन) की सुविधा दी जानी चाहिए।

  • ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) की बहाली आवश्यक है।

  • विभागीय पदोन्नति को समयबद्ध रूप से लागू किया जाना चाहिए।

  • खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा पदोन्नति प्रक्रिया में किये जा रहे अतिक्रमण को तत्काल रोका जाए।

20 मई को राष्ट्रव्यापी आंदोलन का एलान

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सरकार की कर्मचारी और श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ 20 मई 2025 को एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जाएगा। सभी संबद्ध संगठनों से इस आंदोलन को सफल बनाने की अपील की गई।

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