Sonbhadra News/Report: जितेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी ब्यूरो चीफ सोनभद्र
दुद्धी,सोनभद्र। दुद्धी के जय प्रकाश नारायण सर्वोदय आदिवासी विद्यालय में व्याप्त दुर्व्यवस्थाओं को लेकर सोमवार को छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। सैकड़ों छात्रों ने हाथों में तख्तियां लेकर कस्बे के मुख्य बाजार से होते हुए तहसील मुख्यालय तक जुलूस निकाला। छात्रों ने विद्यालय के अधीक्षक डॉ. अवधेश सोनकर पर शोषण और लापरवाही का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की।
छात्रों ने लगाए गंभीर आरोप
विद्यालय के छात्र सहवाग कुमार, दया कुमार विश्वकर्मा, गोविंद, राहुल, हरिभजन, विजय, मनीष, और दयाशंकर सहित अन्य ने प्रशासन के सामने कई समस्याएं गिनाईं:
ट्रेकसूट,जूता-मोजा और स्वेटर जैसे मूलभूत सुविधाओं का अभाव।
भोजन की गुणवत्ता बेहद खराब, छात्रों ने भोजन का बहिष्कार किया।
अधीक्षक पर शिकायत करने पर नाम काटने और कैरीयर खराब करने की धमकी देने का आरोप।
विद्यालय की बाउंड्री टूटी, अंदर जानवरों के घुसने से नुकसान।
गन्दगी का अम्बार बाथरूम की हालत खराब, सफाई नहीं होती।
खेल का सामान और सरकार द्वारा मिलने वाला अन्य सामान नहीं दिया गया।
छात्रों ने कहा कि समस्याएं लंबे समय से बनी हुई हैं। उनकी शिकायतों को बार-बार अनसुना किया गया, जिससे वे प्रदर्शन करने को मजबूर हो गए।
एसडीएम ने सुनी शिकायतें, डीएम को बुलाने पर अड़े छात्र
प्रदर्शन के दौरान उपजिलाधिकारी निखिल यादव मौके पर पहुंचे और छात्रों की समस्याएं सुनीं। उन्होंने जल्द समाधान का आश्वासन दिया, लेकिन छात्र जिलाधिकारी से मुलाकात की मांग पर अड़े रहे।
अधीक्षक मौके से गायब, समाज कल्याण विभाग की खुली पोल
इस प्रदर्शन के दौरान विद्यालय अधीक्षक डॉ. अवधेश सोनकर मौके पर मौजूद नहीं थे। छात्रों ने कहा कि अधीक्षक समस्याओं को हल करने के बजाय उन्हें अनदेखा करते हैं। इससे समाज कल्याण विभाग की लापरवाही भी उजागर हो रही है।
राज्यमंत्री के क्षेत्र में दुर्व्यवस्थाओं की हकीकत
यह मामला समाज कल्याण राज्यमंत्री संजीव गोंड़ के क्षेत्र का है, जहां की व्यवस्थाओं में सुधार न होने से विभाग पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कुछ दिन पहले एससी-एसटी आयोग के उपाध्यक्ष जीतसह खरवार ने विद्यालय का निरीक्षण किया था और व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिए थे। लेकिन अब तक स्थिति जस की तस बनी हुई है।
आखिर कब मिलेगा समाधान
छात्रों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक जिलाधिकारी मौके पर आकर समस्याओं का हल नहीं निकालते, उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
विद्यालय की इन दुर्व्यवस्थाओं और छात्रों के प्रदर्शन ने प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। अब देखना यह है कि इन समस्याओं का समाधान कब और कैसे होता है।