June 24, 2025 3:02 AM

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Sonbhadra News : जरहा वन रेंज में बेलगाम अवैध बालू खनन, वन विभाग की नाक के नीचे रातभर चलता रेत का कारोबार

Sonbhadra News : सोनभद्र के बीजपुर क्षेत्र में स्थित जरहा वन रेंज के अंतर्गत दर्जनों नदियों में अवैध बालू खनन और परिवहन का खेल वनकर्मियों की मिलीभगत से बेखौफ जारी है। रात के अंधेरे में ट्रैक्टरों की कतारें रेत ढोने में लगी रहती हैं, जबकि विभागीय उड़नदस्ता टीम की छापेमारी और कार्रवाई के बावजूद खनन माफिया नए हथकंडों से बाज नहीं आ रहे।

Sonbhadra News | Vinod Gupta

बीजपुर, सोनभद्र। जिले के बीजपुर क्षेत्र अंतर्गत जरहा वन रेंज में अवैध बालू खनन और उसका रात्रिकालीन परिवहन बेकाबू होता जा रहा है। नदियों से रेत निकालने का यह काला कारोबार संबंधित वन कर्मियों और अधिकारियों की मिलीभगत से बेधड़क चल रहा है, जिससे न केवल प्राकृतिक संसाधनों का दोहन हो रहा है, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन भी गम्भीर रूप से प्रभावित हो रहा है।

रात के अंधेरे में चलता है ट्रैक्टरों का अभियान

स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, जैसे ही अंधेरा छाता है, ट्रैक्टरों की गड़गड़ाहट नदियों के किनारे सुनाई देने लगती है। यह सिलसिला देर रात से शुरू होकर सुबह चार बजे तक चलता है। संबंधित बीट के वनकर्मियों की आंखों के सामने यह खनन और परिवहन निर्बाध रूप से होता है, जिससे उनके संरक्षण की संभावनाओं को बल मिलता है।

नदियों से डंपिंग तक फैला अवैध नेटवर्क

जरहा रेंज के ठुरुक्की, अंजीर नदी, पिण्डारी बिच्छी नदी, बघाडू, महरिकला, खम्हरिया, लीलाडेवा, नीमडाँड़, सेवकामोड़, चेतवा, बंकामोड़, इंजानी सहित दर्जनों स्थानों पर बालू की अवैध डंपिंग का कार्य जोर-शोर से किया जा रहा है। आगामी बरसात में ऊंचे दामों पर बिक्री के लिए पहले से स्टॉक किया जा रहा है।

रेकी और सूचना तंत्र से बचती है माफियाओं की खेप

सूत्र बताते हैं कि खनन माफिया वन विभाग के कर्मियों से लगातार संपर्क में रहते हैं। जब भी विभाग की उड़नदस्ता टीम छापेमारी के लिए निकलती है, उसकी खबर पहले ही नाकों और चौकियों तक पहुंच जाती है। ट्रैक्टर चालकों को सतर्क कर दिया जाता है, जिससे वे समय रहते बालू लोड करके निकल जाते हैं या रुक जाते हैं।

डीएफओ ने गठित की विशेष टीम

हालांकि, वन क्षेत्र में अनियमितताओं को देखते हुए डीएफओ रेणुकूट भानेन्द्र सिंह ने एक विशेष टीम का गठन किया है। उन्होंने कहा कि, “खनन पर रोक लगाने और दोषियों को पकड़ने के लिए हमारी टीमें लगातार प्रयासरत हैं। जल्द ही कठोर कार्रवाई की जाएगी।”

अवैध खनन से गंभीर पर्यावरणीय खतरा

स्थानीय पर्यावरणविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि यह सिलसिला नहीं रुका, तो नदियों के अस्तित्व पर संकट गहरा सकता है। रेत की अत्यधिक खुदाई से जलधाराएं सूखने की कगार पर पहुंच रही हैं और जैव विविधता भी प्रभावित हो रही है।

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