सोनभद्र/ सोनप्रभात/ Report: वेदव्यास सिंह मौर्य (Sonbhadra News)
सोनभद्र जनपद के वनप्रभाग में जिस अंदाज में वन भूमि पर कब्जा होता जा रहा है और संबंधित मौन हैं इससे शायद आने वाले दिनों में इस क्षेत्र का पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ सकता है। पिछले कई वर्षों से अवैध कटान व वन भूमि पर कब्जा रोकने के लिए भारत सरकार समेत विश्व बैंक अरबों रुपए खर्च कर चुका है उसके बावजूद भी नगवॉ क्षेत्र की स्थिति दिन प्रतिदिन भयावह होती जा रही है।
पत्रकारों ने दर्जन भर से अधिक गांवों में जाकर वनों की स्थिति व वन भूमि का जायजा लिया
नगवॉ क्षेत्र के दर्जन भर वरिष्ठ पत्रकारों ने मंगलवार की सुबह पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत खलियारी से चलकर माची, रामगढ़, व पटना रेंज के दर्जन भर से अधिक गांवों में जाकर वनों की स्थिति व वन भूमि का जायजा लिया, इसके पीछे उद्देश्य ग्रामीण पत्रकारिता को बढ़ावा देना व पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करना था।इस दौरान माँची वन रेंज के सरईगढ़, के सुगवानार ,कोइलबार के जंगल में कुछ लोग जो अपने को सामाजिक होने का दावा करते हैं उनके द्वारा व्यापक रूप से वन भूमि पर व्यापक कब्जा किया गया. इसी तरह तेनुआ, सूअर सोत , कजियारी, बराडाड़ , बाकी, तेनुडाही, विश्रामपुर आदि गावों में वनो व वन निवासियों की जो स्थिति देखी वह काफी चिंतनीय व गंभीर है। इन गांवों में कतिपय वन कर्मियों की कारगुजारियों से नए वन क्षेत्र पर लोग काबिज हो रहे हैं और वहीं दूसरी तरफ बनाधिकार अधिनियम लागू होने के पूर्व से काबिज तमाम आदिवासियों व वन निवासियों को पट्टा नहीं दिया गया है.
इसी तरह रामगढ़ वन रेंज के गंगवॉ, चौरा, पनौरा, लोढ़ा, दुवारी गांव में भी देखी गई. पनौरा में तो स्थिति और भी खराब देखी गई।इसी तरह पटना वन रेंज के करौदिया, दुपटिया, बैजनाथ, रामपुर, व सोमाँ गांव में देखी गई। भ्रमण के दौरान तमाम स्थानों पर सुरक्षा दीवाल नाम मात्र की पायी गयी। लोगों से पूछने पर पता चला की क्षेत्र में बनने वाली सड़को, पुलियों के निर्माण के दौरान कतिपय वनकर्मियों द्वारा संबंधित ठेकेदारों को बेच दी गई है। भ्रमण के दौरान वरिष्ठ पत्रकार वेदव्यास सिंह मौर्य, श्याम सुंदर पांडे, एस एन मौर्य, लालबहादुर जायसवाल, राजन गुप्ता, शांतेश्वर सिंह, जितेंद्र तिवारी व नगवॉ के पत्रकार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील शुक्ला प्रमुख रूप से रहे.
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